न्यायकर्ता
मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** न्याय,अन्याय के खिलाफ होता है, अगर अन्याय अपराध हो तो अपराध का दंड होता है। और अपराध का दंड नहीं हो तो, अन्याय की पुनरावृत्ति होती है। जो भी पंच और न्यायकर्ता, अपना कर्तव्य पालन करता और ईश्वर रूप धारण कर निष्पक्ष न्याय करता है। वो पंच परमेश्वर का आकार बन, … Read more