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न्यायकर्ता

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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न्याय,अन्याय के खिलाफ होता है,
अगर अन्याय अपराध हो तो
अपराध का दंड होता है।
और अपराध का दंड नहीं हो तो,
अन्याय की पुनरावृत्ति होती है।
जो भी पंच और न्यायकर्ता,
अपना कर्तव्य पालन करता
और ईश्वर रूप धारण कर
निष्पक्ष न्याय करता है।
वो पंच परमेश्वर का आकार बन,
दोषियों को सजा देता।
न्यायकर्ता में ईश्वर की शक्ति,
होती है वो ईश्वर के समान न्याय देता
अपराधी को अपराध के अनुसार,
दंड और निर्दोष को बाइज्जत बरी…
वो एक सच्चा पंच या न्यायकर्ता
कहलाता है।

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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