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जल ही जीवन है

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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जल जीवन का आधार है,
जल कुदरत का श्रृंगार है।

जल है तो हमारा कल है,
जीवन में जरूरी जल है।

बिन जल के नदिया बेकार,
बहती नदियों में जल की धार।

जल पर सबका अधिकार है,
जल से सारा संसार है।

जल आसमान से आता है,
कभी सागर तक जाता है।

जल ही हमारा जीवन है,
जल ही सबसे बड़ा धन है।

आओ सब जल को बचायें,
आज ज्यादा पेड़ लगायें।

आज जल की मारामारी,
नीर की है पहरेदारी।

सबको होती जल की प्यास,
जल नहीं तो कुछ नहीं पास।

बिना जल नहीं कोई काम,
आज मँहगा जल का दामll

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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