बेटी बचाओ,खुशी पाओ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नसीब वाले होते हैंवो घर-परिवार,जहाँ जन्म लेतीहै बेटी।परिवारों की जानहोती है बेटी,घर की लक्ष्मीहोती है बेटी।सुसराल में सीतादुर्गा होती है बेटी,दो कुल की शानहोती है बेटी॥ बेटी के स्नेह कोकभी आजमाना नहीं,वह फूल है उसेकभी रुलाना नहीं।पिता का तो गुमानहोती हैं बेटी,जिन्दा होने कीपहचान होती है बेटी।उसकी आँखें कभीनम न होने देना,उसकी … Read more

निजी जीवन को बेहतर बनाएं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** बड़ी संख्या में लोगों का व्यक्तिगत जीवन बुरे दौर से गुजर रहा है। इसका कारण है अपमान और तनाव। आप जानें कि,अपनी निजी जिंदगी को आप किस तरह खुशनुमा बनाकर रख सकते हैं। ताजा आँकड़ों के अनुसार इस समय हमारे समाज में अपमान (एंग्जाइटी) और तनाव के मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो … Read more

बेटी,क्या श्राप!

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** सर उठा कर चल नहीं सकताबीच सभा के बोल नहीं सकता,घर-परिवार हो या गाँव-समाजहर नजर में घृणा का पात्र हूँ।क्योंकि, ‘बेटी’ का बाप हूँ… जिंदगी खुलकर जी नहीं सकताचैन की नींद कभी सो नहीं सकता,हर दिन-रात रहती है चिंताजैसे दुनिया में कोई श्राप हूँ।क्योंकि, ‘बेटी’ का बाप हूँ… दुनिया के ताने-कसीदे सहताफिर … Read more

परिवर्तन जरूरी है

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* परिवर्तन के लिए जरूरी है,हमारें छोटे-छोटे कदमहाथ की लकीरें नहीं,जरूरी है पुरूषार्थ भरे करम।रहम की मत करना,किसी से उम्मीद और आशहाथ है पैर है आँखों में है,रोशनी फिर क्यूँ कहना काश!दुनिया भी देगी तुम्हें,प्यार से भरा साथजब थाम लोगे खुद,का प्यार से हाथों में हाथ।व्यस्तता का क्यूँ,बजाते हो तुम ढो़लआगे वो ही … Read more

नैतिकता का पौधरोपण शालेय शिक्षा से जरुरी

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** जब से मानव का उदय सृष्टि में हुआ ,तब से अपराध होना शुरू हैं।सबसे पहले संसार सञ्चालन के लिए नियम बनाए गए,उन नियमों में जब जब किसी को नुकसान होना शुरू हुआ तब संशोधन या सुधार किए गए। आज पूरे विश्व की कानूनों की किताबों को जोड़ा जाए,तो श्रखंला कश्मीर से कन्याकुमारी तक … Read more

महबूब

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** पूणिमा की चाँदनी रात में,महबूब को लेकर साथ में।चले जन्नत में मोहब्बत,करने के लिए वो।महबूब के पैरों में कहीं,कोई काँटा न चुभ जाए।तभी तो चाँद ने बगीचे में,मोतियों को बिछा दियाll जैसे ही पड़े कदम महबूब के,जन्नत के बाग में।मुरझाई लताएं भी स्पर्श से,फिर से खिल उठी।और ठंडी हवाओं ने,फिर खुशबू बिखेर … Read more

माँ-बाप को पशुधन न समझ सम्मान दें

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** अधिक आधुनिक और सम्पन्न होने से हमने अपने परिवार और पशुधन को बहुत अधिक तिलांजलि दी है। आज सम्पन्न और मध्यम आय वर्ग में एकल परिवार पद्धति में अपने परिवार के वृद्ध माँ-बाप जो अनुपयोगी हो जाते हैं, उनको हम भार मानकर तिरस्कृत या उपेक्षा करने लगते हैं,और उन्हें वृद्धाश्रम भेजने या अलग … Read more

थे समर्पित भारत के लिए

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** 2 अक्टूबर का दिन,कितना महान हैक्योंकि,जन्मे इस दिन,भारत माँ के २ लाल है। सोच अलग थी दोनों की,पर थे समर्पित भारत के लिएइसलिए इस दिन को,हम लोग याद करते हैंऔर दोनों के प्रति,श्रध्दासुमन अर्पित करते हैंऔर उन्हें दिल से,आज याद करते हैं। सत्य-अहिंसा के बल पर,हमें दिलाई आजादीऔर सत्यग्रह करके,मजबूर कर दिया … Read more

हुनर को पहचानो

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* यह जादू है मेरी,तीखी कलम का,भुला देती है मुझे,नाम मेरे सनम काl थोड़ा सही पर रब ने,मुझे जो बख्शा है हुनर,वरना मेरे अल्फाज,ठो़कर खाते दर-बदरl हर बात को लिखना,मुझे अच्छा लगता है,कलम का साथ,मुझे सच्चा लगता हैl इस जादू से व्यंग्य,कसती हूँ नेता पर,फिल्मों में कम,चुनावी मंच पर छाते अभिनेता परl नारी … Read more

खूब निभाती है लड़कियाँ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** लड़का हो या लड़की,दोनों एक समान हैहर काम करने लगी,आजकल की लड़कियाँ। इसलिए तो लोगों की,अब सोच बदल रही।और लड़की के जन्म पर,अब खुशियां मनाने लगे। लड़कों से बढ़ कर आजकल,लड़कियाँ निकल रहीसमाज को आईना,अब लड़कियाँ दिखा रही। इसलिए तो माँ-बाप को,अब लड़कियाँ भा रही।और कोख में अब इनकी,हत्या कम हो रही॥ … Read more