राजनीति का धर्म या धर्म की राजनीति

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** धर्म का कार्य है लोगों को सदाचारी और प्रेममय बनाना और राजनीति का उद्देश्य है लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके हित में काम करनाl जब धर्म और राजनीति साथ-साथ नहीं चलते,तब हमें भ्रष्ट राजनीतिज्ञ और कपटी धार्मिक नेता मिलते हैंl एक धार्मिक व्यक्ति,जो सदाचारी और स्नेही है,अवश्य … Read more

ऐसी क्या गलती की…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिये तो बहुत थे पर, जल कुछ और रहा था। अंधरे में रोशनी, वो ही कर रहा था। अब कैसे पता करें हम ? जिक्र जब भी उनका, करते अपने दिल में। याद कुछ और ही, दिला देता ये दिल। अब क्या कहोगे इसे, तुम कुछ तो बता दो। बात जो … Read more

मैं पृथ्वी हूँ

टीना जैन  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… ब्रम्हांड की खूबसूरत कृति हूँ, हाँ,मैं पृथ्वी हूँ। मुझसे आलिंगन करता समीर है, नक्षत्रों को चिढ़ाता,करता अधीर है। मेरे अंक में ही जीवन पलता है, अलग-अलग रूपों में ढलता है। हरियाली रज का मेरा आँचल है, सागर जल बनता मेरी पायल है। पर्वत नदियाँ करती मेरा … Read more

धरा पुत्र

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… जो कर समर्पित जीवन अपना, करते रक्षित समस्त यह नृवंश अपने बलिदानों से सहते रहते, प्रकृति पर लगते जो विष दंश। कर पुरुषार्थ अहर्निश इस दिशा में, अमृत पान कराते इस धरातल को साधना कर गला गला देह अपनी वे, पूजते नभ अग्नि वायु वसुधा जल … Read more

स्वार्थ छोड़ दे मानव

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* स्वार्थ छोड़ दे मानव,वरना मिट जाएगा तू, फिक्र कर जरा धरा की,वरना रोएगा तू। बर्बाद मत कर पेड़,पौधे,पर्यावरण यूँ, अपने प्राण मत और खतरे में डाल तू। जिससे सब-कुछ मिलता,मत कर उसे बंजर यूँ, ये सब मिटा तो,बदले में छाँव कहाँ से लाएगा तू। स्वार्थ की खातिर मत बन अंधा,कर … Read more

कुछ तो कमी रहेगी

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ हर नामी में कुछ कमी तो रहेगी, आँखें थोड़ी-सी शर्माती रहेंगीl जिंदगी को आप कितना भी संवारिये, बिना हमारे कोई-न-कोई कमी तो रहेगीll खाली हाथ आप आये थे संसार में हज़ूर, खाली हाथ आप जायेंगे संसार से जरूरl संसार में रहकर,बातचीत न करके आप, कितनी चिल्लर संसार से बचाएंगे हजूरll कभी … Read more

हरी-भरी हो धरा

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… लो संकल्प- हरी-भरी हो धरा, नहीं विकल्प। एक ही नारा- प्रदूषण मुक्त हो, देश हमारा। बीमार मन- उगे चारों तरफ़, कांक्रीट वन। कटते वन- बंजर धरती से, दुःखी है मन। एक ही दवा- पेड़-पौधों से मिले, शीतल हवा। पृथ्वी बचाओ- स्वस्थ और सुंदर, … Read more

विरासत संजोने की जरूरत

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरोहरें विश्व और देश की ऐसी विरासत हैं,जिनको देखने से हमें पूर्व के स्थापित समाज की जानकारी मिलती हैl इससे तत्समय की जानकारी मिलती हैl विश्व धरोहर दिवस दुनियाभर में हर साल १८ अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम और उत्सव है। इसका उद्देश्य … Read more

धरती

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा सुंदर कृति है, होना है इस पर सतीl धरा सुंदर रचना है, पेड़ जिसके सजना हैl कल-कल करती नदी बहती, तो कभी पत्थरों का भार सहतीl इस धरा पर ना कोई हो सीमा, एक प्रेम रूपी संगीत चले धीमाl धरा से बहता है जब … Read more

सम्मान दो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ होगा जहां अपनों में स्नेह प्यार, खिल जायेंगे वो,घर और परिवार। दोगे यदि माता-पिता को,तुम सम्मान, तो निश्चित ही,पाओगे अपार प्यार॥ महक जायेंगे वो,घर और परिवार, मिलता है जिनको,मात-पिता का प्यार। किस्मत वाले होते हैं वो परिवार, जिनको मिलता है, बड़े-बूढ़ों का प्यार॥ बेटे -बहू का कुछ, बनता है फर्ज, हर … Read more