धरती माँ की पुकार
जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरती माँ,की आँख में,आँसू, वो चीख-चीख,कर कहती है। क्यों,जहर मुझमें,घोल रहे हो, मुझमें,सारी दुनिया रहती हैll तुम थोड़े से,लोभ-लालच में, कल-कारखाने,चलाते हो। विषैले धुँए,और रसायनों से, क्यों,तुम मुझको जलाते होll जब,कूड़े-कचरे वाला पानी, मेरी रगों,में बहता है। मेरा,दर्द! तुम क्या जानोगे, मेरा दम,घुटता रहता हैll पेड़-पौधे,कटते … Read more