किसी ने नहीं समझा पाप…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* इन्द्र देवता हैं ?नहीं!मर गया थाउनका उसी दिन देवत्व,जिस दिनअवैध रूप से किया था उन्होंनेअहिल्या के घर में प्रवेश,किया था उनके साथ दुराचार।उनका वह कर्म,छल,कपट व एक स्त्री की इच्छा के विरुद्ध थाकिंतु वे स्वर्ग के राजा थे,इसीलिए स्वर्ग की कामना करने वाले लोगऋषि,मुनि,गंधर्व,देवता,पंडित,पुरोहित,किसी ने नहीं किया इन्द्र से सवाल…।किसी … Read more

दहशत में सारा शहर आ गया

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* देश में ये कैसा कहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया। किसी के पास कोई जाता नहीं, लगे आग तो भी बुझाता नहीं। हवा में कैसा ये जहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया॥ छोड़ के काम सब घर आ रहे, भूखे बच्चे हैं ये किधर … Read more

बच के रहो

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* आया `कोरोना`, मचा हड़कम्प- कुछ करो नाl बच के रहो, रोग खतरनाक- है महामारीl धोइए हाथ, हमेशा साबुन से- करो सफाईl सफर बंद, सभाएं स्थगित- काॅलेज बंदl करो प्रणाम, दूर से ही सबको- गले न मिलोl परिचय-दीपक शर्मा का स्थाई निवास जौनपुर के ग्राम-रामपुर(पो.-जयगोपालगंज केराकत) उत्तर प्रदेश में है। आप … Read more

वैश्विक हिंदी और हम

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. किसी भी राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की भाषा में निहित होती है। भाषा का अनुवाद मात्र करने से संस्कृति में परिवर्तन आ जाता है। हिंदी भाषा के ‘प्रणाम’ का बोध हमें अंग्रेजी भाषा के ‘गुड मार्निंग’ से नहीं होता। ‘क्षमा करना’ को ‘साॅरी’ शब्द कहना … Read more

बचपन की संगिनी…याद आती है.

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मुझे मेरे बचपन की संगिनी, बहुत याद आती है… बहुत याद आती हैl जो कभी मेरी किताबें चुरा लेती थी, तो कभी बस्ता ही गायब कर देती थी और कभी-कभी कलम से, रिफिल ही निकाल लेती थीl वो पगली,मुझे परेशान कर-करके रुला देती थी, फिर खुद ही बता देती थीl … Read more

एकता नहीं रही..

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* अब हमारे गाँव में एकता नहीं रही, इन्सानों के दिल में नेकता नहीं रहीl होलिका दहन करते थे सब साथ मिलकर, अब खर-कतवार जुटाने की चिंता नहीं रहीl जाते थे हम घर-घर जो गुलाल लेकर, अब पड़ोसियों से भी मित्रता नहीं रहीl पी के शराब बकते हैं घर में जो … Read more