विश्वास मुश्किल है

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** आजकल इन्सान से कुछ आस मुश्किल है। आदमी पर हो गया विश्वास मुश्किल हैl राह काँटों से भरी है,दूर मंज़िल भी, डगमगा जाएँ कदम,आभास मुश्किल है। क्रोध मत करना कभी परिवार में अपने, फिर हृदय में पा सको आवास मुश्किल है। दोस्त करता हो प्रशंसा सामने तेरे, फर्क दुश्मन-दोस्त … Read more

सोचें,आज नहीं तो कल

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** सोचें आज नहीं तो कल। भाग-दौड़ की इस दुनिया में, कितनी मारा-मारी है। भाग रहा दौलत के पीछे,राजा बना भिखारी है॥ खाना-पीना,सुखमय जीना, दौलत सबको प्यारी है। भाग-दौड़ की धमा-चौकड़ी, जीवन घटता है पल-पल॥ सोचें आज नहीं तो कल। रिश्ते-नाते,प्यार-मुहब्बत,तौले जाते हैं धन में। किससे, कैसे मिले फायदा, नित … Read more

आँसूओं को सिर्फ पानी मत समझिए

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचनाशिल्प:बह्र -फ़ाइलातुन×४) मुफ़लिसों के आँसूओं को सिर्फ पानी मत समझिए। बात है ये खास बेशक़ आनी’-जानी मत समझिए। ग़म बहुत,खुशियाँ बहुत कम,साल बीता दे गया है, काम सब अच्छे करें हम,बदगुमानी मत समझिए। आह गर निर्बल की निकली,राख कर देगी तुझे, इल्तिज़ा है आप यह कल्पित कहानी मत समझिए। … Read more

ये कोई बड़ा-अड़ा दिन नहीं होता…

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… आज हमारे पड़ौसी खबरीलाल जी सुबह-सुबह हमारे घर आये। आते ही बोले-“कलमकार,बड़ा दिन मुबारक हो!” मैंने चौंकते हुये पूछा- कैसा बड़ा दिन ? कौनसा बड़ा दिन ?? खबरीलाल तुम होश में तो हो ? इस पर खबरीलाल कुछ अकड़ते हुए बोले-कलमकार,लगता है आप … Read more