चाँद नहीं है दूर

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** भारत जग का भाल है, जग का है प्रधान। भारत की गति देखकर, आज रहा जग मान॥ मेरे भारत के लिये, चाँद नहीं है दूर। करते हैं कहते नहीं, खट्टे हैं अंगूर॥ गया उपग्रह चाँद में, दुनिया है हैरान। कैसे भारत गा रहा, सदा विजय के गान॥ देखो बच्चों है … Read more

सावन

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** सावन जो आये यहाँ, लेकर मधुर फुहार। जी भरकर भीजूँ सखी, गाऊँ मैं मल्हार॥ अब सावन आता नहीं, जो भीजूँ पिय संग। सूखा सावन देख के, उर में नहीं उमंग॥ सावन के घन आ यहाँ, जोहूँ तोरी बाट। बिन भीजे सूखी कलम, सूखे उर के पाट॥ सावन को देखा नहीं, … Read more

बड़ा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** बड़ा न उसको जानिये, जिसके उर अभिमान। झुकते हैं नित ही बड़े, जैसे झुकती धान॥ बड़ा वही जो जानता, पर हृदय की पीड़। देता उसको आसरा, जिसे मिली ना नीड़॥ बड़ा वही जो देख ले, अपने भीतर दोष। औरों के गुण देखकर, उर में भर ले तोष॥ बड़ा वही है … Read more

मेरा गाँव…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** तपती-सी थी दुपहरी, माथे चूता नीर। तन को पुलकित कर गई, शीतल मन्द समीर॥ तेरी शीतल छाँव में, सुलझे मन के राज। तेरा मुझ पर कर्ज है, अरे गाँव के बाँज॥ नित तन झुलसाने लगी, बहती गरम बयार। कहता मेरा गाँव ही, आजा मेरे यार॥ मुँह में छोटा आँवला, धारे … Read more

मैं ढूंढ रहा हूँ..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** मैं वस्त्रों में लिपटे रजकन ढूंढ रहा हूँ। मैं वो अपना मनहर बचपन ढूंढ रहा हूँll चोर,वजीर,सिपाही लिखते थे कागज पर, या सिक्कों की गुच्ची खेली भू की रज पर। कभी हांक ले गये खेतों में हम बैलों को, तोड़-तोड़ मिट्टी करते थे हम ढेलों को। वही अमोलक जगती का … Read more

जीवन

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** जोड़े से फिर ना जुड़े , मत तोड़ो विश्वास। टूटे तो यह आप भी, तोड़े जीवन आस॥ मधुर बोल हँसते सुमन, कटु है सूखी काठ। मधुर बोल से नेह हो, कटु से लगती गाँठ॥ कल का जीना कुछ नहीं, कल का जीना खाक। जीना तो है आज का, जो है … Read more

वोट जरूर करें

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** मत में भारी बल भरा, जाकर करना वोट। उसे नकारो तुम जहां, भरा हुआ है खोट॥ ओ मतदाता सुन जरा, करना वोट जरूर। राजनीति की पौध में, लगैं भले अंगूर॥ आओ सब मिलकर करें, अपने मत का दान। भारत जग नेता बने, भारत बने महान॥ मत देने जाना सभी, मत … Read more

चुनाव

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** गालियाँ ही गालियाँ हैं,नेताओं के मुख पर। आ के देव भारत को,आप ही बचाईए॥ पायें नहीं तख्तो-ताज,भूल से न मिले राज। लीला कोई ऐसी प्रभु,आप ही रचाईए॥ जाति-धर्म से इतर,देश है होता ऊपर। आज धरा में उतर,आप ही बताईए॥ वोटरों में फेंक जाल,चलते कुटिल चाल। नटखट रूप धर,खुद समझाइए॥ फिर … Read more