माँ

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* वो पल वो क्षण याद आता है, रह-रह कर मुझे तड़पाता है। तेरा वो हँसना वो मुस्कुराना, दिल को मेरे बहुत भाता है। माँ माँ कह कर तेरा बुलाना, सदा तेरा एहसास कराता है। धरती माँ पे हो कर कुर्बान, बेटा होने का फर्ज निभाता है। लिखे गीत तेरे पन्नों … Read more

काश मैं बच्चा बन जाता

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** काश! मैं बच्चा बन जाता… सबके मन को भाता, कोई हँसता कोई रुलाता रूठ कर जब मैं बैठ जाता, मुझे मनाने टॉफी कोई दिलाता। काश! मैं बच्चा बन जाता… छोटी-छोटी बातें मनवाता, खूब खिलौने फिर मैं पाता मन में भेदभाव नहीं आता, सबके साथ मैं मिल जाता। काश! मैं बच्चा … Read more

ऐसा पाठ पढ़ाना चाहिए

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** (रचनाशिल्प:रदीफ़-चाहिए, काफ़िया–आना) यूँ धरा से वृक्षों को नहीं मिटाना चाहिए। हरी-भरी धरती को मिलकर बचाना चाहिए। जाति-धर्म के नाम पर ज़ुदा न कर सके, एकता का ऐसा पाठ पढ़ाना चाहिए। नफ़रत हो जाए ख़त्म सबके दिलों से, एक-दूजे के दिल में प्यार बसाना चाहिए। जाग जाए दर्द का मीठा-सा एहसास, … Read more

करुण क्रंदन

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** इंसानियत कर रही आज, करुण क्रंदन। दिखता नहीं कोई सच्चा, सभी लगाए हुए है चंदन। बूढ़े बच्चे और जवान, बचा नहीं किसी में इंसान। कौन बड़ा कौन है छोटा, भूल गए है पहचान। क्या प्यार क्या मोहब्बत, मिट गए सभी अरमान। रिश्ते-नाते सभी गये भूल, हो गए सबके सब बेजान। … Read more

विचार कर

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** प्यार को न त्याग कर, नित नए विचार कर। जिंदगी जो मिली तुझे, इससे न व्यापार कर। चार दिन का जीवन तेरा, न इसे तू बेकार कर। नित नए विचार कर… कौन है जो जगत में रहा, इस बात से न इन्कार कर। सुमन हो या हो काँटे, सबका तू … Read more

यतीम

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** नाम का बस मैं इंसान हूँ, आशा जगा न सका वो जान हूँ। न कोई मेरा बन सका, न किसी की मैं पहचान हूँ। जी रहा हूँ बस यहां मैं, बन के मौत का खुद सामान हूँ। जाने जना है किसने मुझे, बन सका न उनका ईमान हूँ। कहता मुझे … Read more

अनेकता में एकता हिंदी

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिंदी हिंदी सुन्दर हिंदी, सूझ-बूझ नई क्रांति हिंदी। ज्ञान हिंदी मान हिंदी, बन गई पहचान हिंदी। गंगा-सी पावन हिंदी, साहित्य की जान हिंदी। प्यासे की तृप्ति हिंदी, पूजा की थाल हिंदी। भक्तों की भगवान हिंदी, अनेकता में एकता हिंदी। मधु-सी मिठास हिंदी, मीरा का प्यार हिंदी। … Read more

विघ्न हरो गणराज

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** हे गणपति सबके विघ्न हरो गणराज, द्वार तिहारे आए,बनाओ सब बिगड़े काज। तूम हो भोले के सुत,माँ गौरी के लाल, हे लंबोदर वर दो हमको,हो जाएं निहाल। सुख-सम्पति के दाता,कार्तिके के भ्राता, रिद्धि-सिद्धि के तुम हो प्रदाता। मिटे क्लेश सब के दिल से दाता, प्यार ही प्यार दुनिया में रच-बस … Read more

नया सबेरा

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** कश्मीर से कन्याकुमारी, बन गई एक फुलवारी। एक हो गए अब नर-नारी, गूंजेगी खुशियों की किलकारी। जो रखेंगे नापाक इरादे, मिट जायेगी उनकी मक्कारी। कश्मीर की बात हो गई न्यारी, होगी चहुँओर मुस्कान प्यारी। न तेरा है,न मेरा है ये तो, हिंदुस्तान का नया सबेरा हैll परिचय –अनिल कसेर का … Read more

शब्दों का संसार

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** शब्दों का होता अपना ही संसार है, शब्द से जीत शब्द से ही हार है। शब्द से टूटते शब्द से ही जुड़ते परिवार हैं, शब्द से कहीं प्यार-कहीं तकरार है। शब्द पतझर,शब्द ही बसंत बहार है, शब्द है नाव तो शब्द ही पतवार है। शब्द फूल तो शब्द ही तलवार … Read more