दिशा दशा को हुआ क्या ?

कृष्ण कुमार कश्यपगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************** हमें थी उम्र लगी नाम जो कमाने में।लगा है आज जमाना उसे मिटाने में। छला है ख़ूब जिन्हें हम ख़ुदा समझते थे,भला यकीन करें किस पे इस जमाने में। निकाल फेंक दिए दर्द दिल के मैंने भी,दिया था दर्द बहुत दिल को जो छिपाने में। दिशा दशा को हुआ क्या … Read more

साफ़ कहो तो बेहतर है

कृष्ण कुमार कश्यपगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** (रचना शिल्प:२२२२ २२२२ २२२२ २२२) जो कुछ है मन के अंदर वो साफ़ कहो तो बेहतर है।यूँ ही बक-बक करने से चुप रह जाओ तो बेहतर है। मन से सोचो सब अपने हैं कोई भी न पराया है,मैल अगर हो दिल में कोई साफ़ रखो तो बेहतर है। कहते हैं … Read more

खुदा गवाह है महँगी हुई दुआ कितनी

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** (रचना शिल्प:१२१२ ११२२ १२१२ २२) जहां में आज है फैली हुई वबा कितनी। भरी है जहर से ये आज़ की हवा कितनी। नहीं तुम्हें है जरूरत किसी से डरने की, करी है माँ ने तुम्हारे लिए दुआ कितनी। नहीं किसी की चले सब उसी की मर्जी है, खुदा गवाह … Read more

दिल में प्यार होना चाहिए

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* (रचनाशिल्प-२१२२ २१२२ २१२२ २१२) हाल-ए-दिल पहचानें,दिलदार होना चाहिए। भावना निस्वार्थ, दिल में प्यार होना चाहिए। बिक रहा ईमान सबका आज घर बाजार में, इश्क जो मानें ख़ुदा,वो यार होना चाहिए। राह मुश्किल सच की है पर है यही तो जिंदगी, ‘सारथी’ इस रथ का पर दमदार होना चाहिए। लोग … Read more

दिल सोचता बहुत है

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* आजकल न जाने क्यूँ दिल सोचता बहुत है, सच से वाकिफ है,यहाँ-वहाँ खोजता बहुत है। थक जाएगा रस्ते पर ही आहिस्ता क़दम बढ़ा, खरगोश की तरह यार तू भागता बहुत है। बिना नींव के ही बना रहा हवा महल! कैसे ? सुनता नहीं किसी की तू और बोलता बहुत … Read more

गरीबों की सुनो

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* हैं ओ भी इंसान उनको,ज़रा दुलार दीजिए, दिल से गरीबों की ज़रूर मदद,यार कीजिए। आखिर क्यों ? इतनी नफ़रत उनके लिए यार, ना फर्क कभी,गली,गाँव और शहर कीजिए। कुंठा,हताशा,निराशा,बेबसी लिए ताक रहे, आह गरीबों की,कभी भी,ना यार लीजिए। अरमान उनके दिल में भी हैं,उड़ने के बहुत, आजाद पंछी हैं,मन … Read more

दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मन से कुंठा हताशा मिटाकर,दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं, विषम परिस्थितियों से लड़ना है,सबके मन में यह भाव जगाएं। अखंड भारत फले-फूले सदा,स्वर्णिम इतिहास को नमन करें, हम सब हिंदुस्तानी मिलकर,एकता का अखंड दीप जलाएं॥ बैर शत्रुता होलिका दहन कर,प्रेम सुंदर सुमन बीज लगाएं, जातिवाद,छुआछूत दानव,देश समाज से … Read more

सरस्वती वंदना

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* तेरी तानों से मिलता ज्ञान अपार, एक सुर में समा जाए सारा संसार माँ सुना दे तू वीणा की झंकार। ज्ञान से सबकी झोली भर दे, ऐ माँ शारदे हमें ऐसा वर दे उजाला कर दे मिट जाए अंधकार। माँ सुना दे तू… पतझड़ पाप का हो जग-बाग से, … Read more

तिरंगा

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* दिल दिया है जां भी हाजिर, हो जाएंगे तेरे लिए कुर्बान। तीन रंगों से बना तिरंगा, भारत की है जो पहचान। अमर शहीदों ने जिसके लिए, खेली कितनी खूनी होलियां। भारत माँ के वीर सपूतों ने, सीने पर हैं खाई गोलियां। झुकने नहीं देंगे कभी कृष्णा, है हमारी ये … Read more

कठपुतली

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** दुनिया एक रंगमंच कृष्णा, हम कठपुतली हाथ उनका। कहते हैं,हम प्रभु परमेश्वर, हाथों जीवन डोर सभी का। उनकी लिखी कहानी जीवन, भ्रम-जाल सब मोह-माया है। सुख-दुःख से न घबराना तू, कभी धूप तो कभी छाया है। मिला जन्म सुंदर दुनिया में, अच्छा काम कर दिखाना है। इतिहास स्वर्णिम है … Read more