युद्ध का अंधेरा नहीं चाहता कोई भी राष्ट्र

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव से बनती विश्व युद्ध की स्थितियों ने समूची दुनिया को संकट में डाल दिया है। इन वैश्विक तनावों के बीच व्यापार और तकनीकी संघर्ष के चलते वैश्विक बाजार अस्थिर हो रहे हैं,विकास की गति मंद हो रही है,महंगाई बढ़ती जा रही है,मानव जीवन जटिल … Read more

अंधेरों के बीच उजालों की खोज हो

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* एक वर्ष का विदा होना सिर्फ कैलेन्डर का बदल जाना भर नहीं है। छोटा ही सही,लेकिन यह हमारे जीवन का एक अहम पड़ाव तो होता ही है,जो हमें थोड़ा ठहरकर अपने बीते दिनों के आकलन और आने वाले दिनों की तैयारी का अवसर देता है। एक व्यक्ति की तरह एक समाज,एक … Read more

क्यों भार लगने लगती है जिन्दगी ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* जीवन से जुड़ा एक बड़ा सवाल है कि विषम परिस्थितियां क्यों आती है ? जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है ? क्यों हम स्वयं से ही खफा से रहने लगते हैं ? इसका सबसे बड़ा कारण है हमने जीने के जो साफ-सुथरे तरीके थे या जो जीवनमूल्य थे,उन्हें भुला दिया … Read more

राष्ट्र की शुभता को आहत करने का षड़यंत्र,सख्ती जरुरी

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* मुद्दा नागरिकता संशोधन कानून………… `नागरिकता संशोधन कानून` का जैसा हिंसक विरोध असम एवं पश्चिम बंगाल के बाद अब दिल्ली में हो रहा है,उससे यही पता चल रहा कि अराजक तत्व उत्पात पर आमादा हैं,वे देश को जोड़ना नहीं तोड़ना चाहते हैं। सरकारी एवं निजी संपत्ति को आग के हवाले करने,सड़क एवं … Read more

और कितनी निर्भयाएं कब तक नोंची जाएंगी ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना………… समूचा राष्ट्र रांची और हैदराबाद में हुए दो जघन्य,वीभत्स एवं दरिन्दगीपूर्ण सामूहिक बलात्कार कांड से न केवल अशांत है बल्कि कलंकित भी हुआ है। एक बार फिर नारी अस्मिता एवं अस्तित्व को नोंचने वाली इन घटनाओं ने हमें शर्मसार किया है। ये त्रासद घटनाएं बता रही हैं कि … Read more

लोकतंत्र तो आहत हुआ

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अपनी अनूठी एवं विस्मयकारी राजनीतिक ताकत से शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की असमंजस्य एवं घनघोर धुंधलकों के बीच जिस तरह का आश्चर्यकारी वातावरण निर्मित किया,वह उनके राजनीतिक कौशल का अदभुत उदाहरण है। महाराष्ट्र में राजनीतिक नाटक का जिस तरह पटाक्षेप हुआ है,उससे यही सिद्ध हुआ है कि इस … Read more

सामाजिक क्रांति का शंखनाद करती योगी सरकार

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* राष्ट्रीय जीवन में घुन की तरह लगे सामाजिक रीति-रिवाजों,प्रदर्शन,फैशन,दहेज,बड़े भोज, प्री-वेड शूटिंग,भव्य एवं खर्चीली शादियों, साप्रदायिकता के कोढ़ को समाप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक रचनात्मक भूमिका का निर्माण करती है,जिसका व्यापक स्तर पर स्वागत किया जाना चाहिए। अन्य प्रांतों को भी इस प्रेरक … Read more

बिरसा मुंडा हैं आदिवासी तेजस्विता के नायक

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* बिरसा मुंडा जन्म जयन्ती-१५ नवम्बर विशेष…. किसी महापुरुष के कार्यों,अवदानों एवं जीवन का मूल्यांकन इस बात से होता है कि उन्होंने राष्ट्रीय एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान किस सीमा तक किया,कितने कठोर संघर्षों से लोहा लिया। बिरसा मुंडा भी ऐसी ही एक युगांतरकारी शख्सियत थे,जिन्होंने आदिवासी जनजीवन के मसीहा के रूप … Read more

लोकतंत्र `लोक-सुख` या `लोक-दुःख` का ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* देश के सामने हर दिन नयी-नयी समस्याएं खड़ी हो रही हैं,जो समस्याएं पहले से हैं,उनके समाधान की तरफ एक कदम भी आगे नहीं बढ़ रहे हैं,बल्कि दूर होते जा रहे हैं। रोज नई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं,कर रहे हैं। तब ऐसा लगता है कि पुरानी समस्याएं पृष्ठभूमि में चली गईं,पर … Read more

परिणाम भाजपा के लिये चिंता का मुद्दा

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे अनुमान के विपरीत आए हैं। भाजपा को पूरा विश्वास था और मतदान पश्चात के सर्वेक्षण भी बता रहे थे कि दोनों राज्यों में भाजपा को ऐतिहासिक जीत हासिल होगी,यह भाजपा का अहंकार था या विश्वास। भले ही दोनों ही प्रांतों में सत्ता विरोधी लहर नजर … Read more