माँ से प्यारा नाम नहीं संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताएँ

बुद्धिप्रकाश महावर मनमलारना (राजस्थान) **************************************************** ‘माँ से प्यारा नाम नहीं’ काव्य संग्रह(जयपुर) काव्य जगत में स्थापित एवं वरिष्ठ कवि टीकम बोहरा ‘अनजाना’ की एक संवेदनशील कृति है। माँ शब्द देखने में सबसे छोटा है,परंतु इसकी महानता आकाश से भी ऊंची और गहराई समुद्र से भी अधिक है। पुस्तक का केन्द्र बिंदु माँ को रखना कवि … Read more

अबकी बार सावधानियां अधिक

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** लो आ गया अब ‘कोरोना-२’…! या उत्तर कोरोना…! जिसमें न कोई लक्षण है, जिसकी न कोई पहचान। जो बिना सावचेत किए, कर रहा है हमला। ये सोच लो, कि अबकी बार सावधानियां अधिक, है जिम्मेदारियां ज्यादा क़्योंकि अदृश्य है दुश्मन, अदृश्य है हमला। बस एक ही दवा, बस एक … Read more

..पर ‘कोरोना’ को भगाएंगे

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** मैं भारत हूँ,तुम भारत हो, हम भारत हैं,सब भारत हो। मैं बचूंगा,तुम बचोगे, हम बचेंगे,सब बचोगे। सब बचेंगे,देश बचेगा, भारत का परिवेश बचेगा। त्यागी तपस्वी संत हैं हम, जीवन आदि अंत हैं हम। शील शक्ति शौर्य हैं हम ही, सत्य अहिंसा धैर्य हैं हम ही। रोकेंगे खुद को इक्कीस … Read more

लौट आ…

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** कहते हैं, जिंदगी जिंदादिली का नाम है। फिर क्यों हार जाते हैं…? फिर क्यों टूट जाते हैं…? फिर क्यों कर लेते हैं खुदखुशी…? अपनी ही खुशियों का, घोंट लेते हैं गला। क्या तुम्हें जीने का हक नहीं…? क्या तुम पर किसी का हक नहीं…? फिर क्यों इंसान…? यूँ सोचता … Read more

माँ

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… ए माँ तेरे चरणों में,सुख चैन है सब मेरा, बिन तेरे जीना तो,लगता है घोर अंधेरा। आँखों में आँसू हैं,आँचल से दूध बहे, ममता की मूरत तू,कितने ही कष्ट सहे। पर हार ना मानी तू,तूफानों ने भी घेरा, ए माँ तेरे चरणों में…ll देखा है … Read more

मेरा भीम महान

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** जगत में छाया रे,मेरा भीम महान, हँसते-हँसते कुर्बान हुए हैं,ये भारत की शान। मान दिया,सम्मान इसी ने,जीने की राह दिखाई, तोड़ दिए बन्धन वो पुराने शिक्षा की अलख जगाई। पिछड़ों का उद्धार किया है, भारत को संविधान दिया है। तू जग की पहचान, मेरा भीम महान। आन-बान और शान हमारी,तू … Read more