जनता मालिक है मगर…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** नेताओं की बात पर,मत करना मतभेद। लोकतंत्र की नाव में,ये करते हैं छेद॥ कुछ नेता गूंगे यहाँ,कुछ इतने वाचाल। एवरेस्ट के शीर्ष को,कहते हैं पाताल॥ सेवक देखो देश के,रहते मालामाल। जनता मालिक है मगर,नौकर सा है हाल॥ जनता जब बीमार हो,काटे हाय कलेश। सर्दी भी होती अगर,नेता चले विदेश॥ … Read more

मुझे बज़्म में तुम…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** मुझे बज़्म में तुम बुलाते हो साहबl मगर नाम भी भूल जाते हो साहब। जो तोड़ा है रिश्ता मुझे भूल जाओ, मेरा नाम क्यों गुनगुनाते हो साहब ? तुझे चाँद जबसे कहा है तभी से, मुझे दिन में तारे दिखाते हो साहब। सितम ही किया तुमने इतना ज़ियादा, मुझे … Read more

मंज़र नहीं देखा…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** भीतर की हलचलों का वो मंज़र नहीं देखाl सबने मुझे देखा,मेरे अंदर नहीं देखाl सब लोग मानते रहे हैं कोयला मुझे, हीरे को जौहरी ने भी छूकर नहीं देखाl हँसते हुए ही तो मुझे देखा है रात-दिन, अश्कों का मेरे तूने समंदर नहीं देखाl घायल जो मैं हुआ हूँ … Read more

कोई जवाब दो

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कहता नहीं हूँ मैं कभी दिल की किताब दो, लेकिन ख़तों का आज तो कोई जवाब दो। मैंने तुझे आँखों की है पुतली में रख लिया, मर्जी तेरी काँटा दो या चाहे गुलाब दो॥ परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं … Read more

मुझसा नहीं मिलेगा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** यादों को मेरी तुम गये क्यूँ भूल साथिया, तेरे कदम का था नहीं मैं धूल साथिया, ले के चिराग ढूँढना सारे जहान में- मुझसा नहीं मिलेगा तुझे फूल साथिया। परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)है। … Read more

घायल हुआ हूँ मैं

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** तुमसे नजर मिली है तो घायल हुआ हूँ मैं, तेरे निखरते रूप का कायल हुआ हूँ मैं, कोई किसी की चाह में गिरता नहीं ऐसे- ‘आकाश’ मेरा नाम है पायल हुआ हूँ मैं। परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म … Read more

व्याधियाँ

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** दवा के बिना तो नहीं बचती फसल अब, हवा में है घुल गया देखिए ज़हर भी। रोज-रोज इतनी दवाई हम खा रहे हैं, कम हो रही है हम सबकी उमर भी। पहले के रोग जड़ी-बूटियों से मिटते थे, अब सुइयों का नहीं हो रहा असर भी। कि इसी रफ्तार … Read more

बुढ़ापा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हो के नौजवान तुम हँसते हो वृद्धों पर, तेरी बात तेरी माँ को देखना रुलायेगी। जो सारे संस्कार तुम भूलते ही जा रहे हो, अब तेरे तात को भी नींद नहीं आयेगी। ठीक नहीं अपनी जवानी पर यूँ गुमान, आएगा बुढापा,कोई चीज नहीं भायेगी। भले कितना भी क्रीम तेल … Read more

हँसी-ठिठोली कर लें आओ

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** दुनिया के कुछ लोग हमेशा, रहते हैं मुरझाए। हँसी-ठिठोली कर लें आओ, हर कोई मुस्काए॥ बीवी जिसकी कद्दू जैसी, वह ककड़ी का भ्राता। चलना पड़ता साथ कभी तो, पति केवल शरमाता॥ पति मोटा होने की खातिर, खाता रोज दवाई। बीवी दुबराने को मिलों, नाप रही लंबाई॥ अक्सर मुझको दिख … Read more

छँटेगी रात काली…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** छटेगी रात काली और फिर होगा सवेरा भी, हँसो लेकिन ज़माना एक दिन आयेगा मेरा भी। भले ग़म ने तुझे चारों तरफ से घेर रक्खा है, जरा सूरज निकलने दो छँटेगा ये अँधेरा भी। नहीं रावण सिकंदर कंस का घर-बार बच पाया, कहीं तुमको न ले डूबे सुनो अभिमान … Read more