जनता मालिक है मगर…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** नेताओं की बात पर,मत करना मतभेद। लोकतंत्र की नाव में,ये करते हैं छेद॥ कुछ नेता गूंगे यहाँ,कुछ इतने वाचाल। एवरेस्ट के शीर्ष को,कहते हैं पाताल॥ सेवक देखो देश के,रहते मालामाल। जनता मालिक है मगर,नौकर सा है हाल॥ जनता जब बीमार हो,काटे हाय कलेश। सर्दी भी होती अगर,नेता चले विदेश॥ … Read more