इंतजार

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प:मात्रा भार सीढ़ी पँक्ति क्रम-२०-१८-१६-१४- १२-१० मिल पत्थर पर बैठी सोच रही हूँजिस पर धुंधला इंतजार लिखाउस घड़ी की राह तकती हूँहो सूनी आँखों में ख्वाबकहीं ना हो फरियादहो जहाँ आबाद। महज सुख रोकने संयम शब्द रहेइंतजार करती मैं उस पल काविपदाएं न हो हौंसला होआँसू खुशियों के छलकेमुस्कराने के बादजड़ में … Read more

आ फिर से तू

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तू डाल-डाल,वो पात-पात छुपीअस्तित्व पट। पँखे में फंसी,पँख और तिनकेबेहाल गर्मी। स्वर्ण-सी काया,बंधित विचरणसमाप्त माया। बच्चे पूछे है,चित्र किस प्राणी कापक्षी थे कभी। आ फिर से तू,फुदकती रहनाचुनचुन चूँ। तिनके चोंच,आशियाना ढूँढतेगुम है सोच॥ परिचय-ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में … Read more

प्रिय तुम हो बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रिय तुम हो बसन्त,मैं बसन्ती बयार मदिर मंद-मंद। प्रिय तुम धरा में घुली सुगन्ध,मैं तुम्हारे रंगों में रँगी हुई केसरी रंग। प्रिय तुम हो मादक छंद,मैं हूँ तुम्हारी कविता कुसुम मकरन्द। प्रिय तुम हो स्वयं प्रकृति,मैं बहती सरि सागर मिलती हो मलंग। प्रिय तुम बासन्ती झोंके,मैं बहती पवन,कोई रोके न बावरा मन। प्रिय … Read more

ऋतुराज बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. आनन्द है पल्लवित,उमंग में आल्हादित।बसन्तोत्सव उदित,फाग राग चुनती॥ फूल उठे नागफनी,काँटों का नाम नहीं।ऋतुराज आगवानी,पात-पात झूमती॥ शहद हो प्रवाहित,सलिला है समाहित!मानस करे मोहित,सप्त स्वर गूँजती॥ रानीऋतु रूपमती,है कशिश खुमार-सी।फूलों की बहार वीथी,टेसू-टेसू सूँघती॥ महुये गमक रहे,निम्बिया चटक रहे।पिपरी खटक रहे,अमिया को घूरती॥ चले पवन बसंती,तन छू-छू गुजरती।एहसास महकती,स्वप्न … Read more

तारों की नजर से

  ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जाती रजनी तिमिर कालिमा,छा रही छोर भोर लालिमा। है ठहरा हुआ एक तारा,सुदूर नील आसमां हारा। करे धरा अवलोक कर ध्यान,उड़ते पखेरू की ऊँचान। खिलती कैसे कुसुम कलियाँ,जमें पिघले गिरी श्रेणियां। सिंधु गरज कैसे लहराया,झरने नीर कहाँ से आया। नदी सिंधु डाली वरमाला,कहाँ गया वो लावा ज्वाला। तितली ने घर किधर बनाई,हवा … Read more

हिंदी भाषा हीं स्वीकार है

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिंदी समृद्ध भाषा है,हिंदी उन्नत भाषा है,भाषा के गुण हैहैं सभी,करते क्यों रार है। सभी भाषा है सुंदर,बोली प्रेम समुंदर,सबमें रस मिठास,नहीं तकरार है। संस्कृत की पुत्री हिंदी,सभी बहनों में बड़ी,खट्टी-मीठी प्यारी प्यारी,हमें अंगीकार है। अंग्रेजी से नहीं रोष,उर्दू का नहीं है दोष,जनता बोली हो एक,हिंदी ही स्वीकार है। जिसे सिरमौर रखे,भाल तिलक-सी … Read more

वन्दे मातरम

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. रहो तिरंगे की छाया में,है नव युग का नव विहान,शुभ पर्व है गणतंत्र हमारा,मंगलमयी गाओ गान। तन भारत है मन भारत है,रग-रग में है हिंदुस्तान,उन शूर वीरों को नमन करूँ,जो सरजमी हुए कुर्बान। हम धर्म ज्ञान-विज्ञान प्रदाता,समझे थे वो हमें नादान,देश प्रेम की बिगुल बजी तो,भागे उठा अपनी जान। … Read more

२०२०-हर्षित हूँ तेरी विदाई में

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* आँख सुजाई रुलाई,मैं हर्षित हूँ तेरी विदाई में…मृत्यु की सौगात लिए आया,जग में तूने आग लगाईआँसू का सैलाब समेटो,जा रे चला जा खुदाई से।हर्षित हूँ तेरी विदाई में… मजदूरों से मजदूरी छूटी,सड़कें सूनी दुकानें टूटीअर्थ देश का कोविड खाया,कमर झुकी तरुणाई।हर्षित हूँ तेरी विदाई में… ट्रेन बंद और बसें रुकी,बाजारों की शटर झुकीकोरोना … Read more

बचा लो पुरूषत्व का नाम

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** बन कर बेटी जन्म लिया, क्या गुनाह कर लिया। जिंदगी मुझसे रही, औरों को मैंने जीवन दिया। फिर क्यों समाज नहीं लेता, मुझको जीने नहीं देता। हर वक्त मार देता है, या गलत कुछ करता है। फूलों-सी कोमल प्यारी मैं, मुझे मसलने बेताब होता। क्यों ऐसा जुल्म ढाकर भी, यह ऊंचा … Read more

देश बचाना हमारा भी कर्तव्य

ममता बनर्जी मंजरी दुर्गापुर(पश्चिम बंगाल) ****************************************************************************** सम सामयिक मुद्दा-प्रदूषण और पर्यावरण……… हेमंत ऋतु के आगमन के साथ ही त्योहारों का सैलाब आ पड़ाl धनतेरस,काली पूजा,दीपावली,गोवर्धन पूजा,चित्रगुप्त पूजा,भाईदूज और छठपूजा हो गई। धनतेरस के अवसर पर सोने-चाँदी के आभूषणों और बर्तनों की खरीद-बिक्री होती है। कालीपूजा में शक्ति रूपिणी माँ की पूजा होती है,तो दीपावली में लक्ष्मी-गणेश … Read more