थम यायावर मन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज फिर मन छोड़ द्रुतगामी घोड़ा पास पैदल निकल गया,आज फिर जमे तहेदिल खुशियों का धधकता लावा पिघल गया। आज फिर सुबह की किरण मुझसे लिपट-लिपट कुछ कहने लगी,आज फिर एक चँचल-सी गिलहरी मेरे बगीचे में आकर रहने लगी। आज फिर बरसाती से धुले नर्म कोमल पत्ते हरे-हरे डोल रहे हैं,आज फिर स्वच्छ … Read more

महिमा भारत भूमि अपार

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रति क्षण व्रत तथा त्यौहार,मिलकर हम मनाते हैं,महिमा भारत भूमि अपार,आज ऋषि गुण गाते हैं।पंचमी कर नारी घर द्वार,अशुद्धि से शुचिता पाती-ऋषि व्रत की कह कहानी सार,जिसे हम मिल गाते हैं॥ उन श्रेष्ठ सप्त ऋषियों स्मृति रख,स्वयं ऊर्जा शासित है,साधना से धूसर आकाश,तप-दीप्त प्रकाशित है।वामदेव,विश्वामित्र,वशिष्ठ,शौनक कण्व,द्वाज,अत्रि-तप सगुण ज्ञान तारा मंडल,श्रेष्ठ वन्दित,वासित है॥ परिचय–ममता … Read more

महान भारत जमीं

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. माँ अपनी जन्मभूमि,बढ़ते हम रज चूमी,महान भारत जमीं,इसी भू से याराना है। सागर पर्वत वन,मरू,खेत भरे धन,कण-कण को वंदन,गाएं हम तराना है। देश की हम खाते हैं,मस्तक ये झुकाते हैं,गद्दारी नहीं गाते हैं,विद्रोही समझाना है। माँ जनसंख्या विशाल,नत करो मन भाल,विकास उन्नति माल,माँ आँचल सजाना है। दुश्मन … Read more

पिता सम्मान अपना

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. है पिता के नाम से गुमान अभिमान मान अपना है,भूले से कर नहीं अपमान,छाँव आसमान अपना हैये बचपन कभी जाता नहीं,कोई चिंता नहीं होती,ले सिर अपनी बला सारी,पिता सम्मान अपना है। दिनभर कमा आते श्रम चूर,गिरता पसीना माथे पर,घिरे स्वयं परेशानी भंवर,पूत देख खिले बाँछे … Read more

घर-आँगन प्रेम बरखा

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प:मापनी २१२२ २१२२ २१२२ २१२,पदांत-रहे;सामंत-आते छाए मेघा प्रेम की विश्वास गहराते रहे,पात चमकीली बहारा बूंद ठहराते रहे। क्यारियों दिल बीच एहसास के पौधे लगा,सींच शीतल बोलियाँ फौहार बिखराते रहे। नयन नौका पाल खोलो आंधियां अनुराग की,ज्वार आये प्यार सागर और लहराते रहे। पिंजरे पर नेह दाने हो भरे इतने सदा,छोड़ उड़ने मन … Read more

दीपक

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तम से लड़ा प्रतिपल रहा,चुपचाप दीपक जल रहा। लूटा उजाला जग सदातल तम समेटे ढल रहा। हो थरथरी लौ पुंज मेंछाया तनिक हलचल रहा। आलोक दे ले कालिमासंभल हवा अविचल रहा। बाती रहे तक की वफाना साथ बिन क्षण भर रहा॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप … Read more

नित दीप्त रहो

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** नित दीप्त रहो तम क्या रहना,सुन रात नहीं दिन का कहना। पथ कंटक दूर करो कर फूल,सुनो कुछ और नहीं चुनना। सदराह चलो पग और न मार्ग,समझो तुमको न कभी चलना। सुनना माधुर्य कान सदा,तुम दूर सदा चुगली रहना। नयना तुम सुंदरता जग की,निरखो कुछ और नहीं तकना। मति अहार विहार भला रखना,शुभ … Read more

समय की तितलियाँ

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** समय की बेसब्र तितलियाँ,समाहित अतल मुझमेंवीराने के बागबां में,उड़ती हैं निकल-निकल। कभी मेघ बन बरसती है,कभी हवाओं में उड़तीमन आकाश में टहलती,नैन करती सजल-सजल। तसल्ली देती तितलियाँ,हताश करती कभी-कभीदिलासा दे पलकों का पानी पीती,उड़ती वक्त की डगर-डगर। खुशी की खिलखिलाहट बनी,उल्लास भरे पल के पल्लू बैठीकभी उत्सव बन मंडराती,कितने रूप बिखरे इधर-उधर। समय … Read more

कान्हा तुम धड़कन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कान्हा तुम धड़कन,तुम मेरी थिरकनसाँस-साँस सिमरन,तुम ही हो प्रान में। तुम भजन कीर्तनमंदिर या उपवनशीत और हो अगन,मोहन ही ध्यान में। बहते बन पवन,धरती और गगनतन मन ये नयन,तुम ही विधान में। रोम-रोम पुलकनसुख-दु:ख सिहरनतेरी बनी विरहनअज्ञानी में ज्ञान में। मनुआ नाचे मगनछोड़ के सारे बंधनमौन में और बयन,खोना पाना दान में। सुख … Read more

मानवता लिये वो राम है

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हरदम जमाना धन-ए-दौलत का रहा गुलाम है,ठुकराए ताजो तख्त मानवता लिये वो राम है। जी जानवर भी पेट खातिर ले मगर तो क्या हुआ,जिसने जिया औरों लिये होता उसी का मान है। मिलती नहीं सौगात कुछ भी जिंदगी में सोच रख,पाने लिये करने यहाँ पड़ते महासंग्राम है। सोचा न समझा और इंसा मनमर्जी … Read more