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महिमा भारत भूमि अपार

ममता तिवारी
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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प्रति क्षण व्रत तथा त्यौहार,मिलकर हम मनाते हैं,
महिमा भारत भूमि अपार,आज ऋषि गुण गाते हैं।
पंचमी कर नारी घर द्वार,अशुद्धि से शुचिता पाती-
ऋषि व्रत की कह कहानी सार,जिसे हम मिल गाते हैं॥

उन श्रेष्ठ सप्त ऋषियों स्मृति रख,स्वयं ऊर्जा शासित है,
साधना से धूसर आकाश,तप-दीप्त प्रकाशित है।
वामदेव,विश्वामित्र,वशिष्ठ,शौनक कण्व,द्वाज,अत्रि-
तप सगुण ज्ञान तारा मंडल,श्रेष्ठ वन्दित,वासित है॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।

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