पिता का महत्व

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** पिता हमारी पहचान हैं,उनसे रोशन सारा जहाँन है।पिता माँ का श्रृंगार है,पिता उज्जवल भविष्य,का हकदार है।पिता का दिल सागर समान है,पिता जीवन,संबल शक्ति हैपिता खट्टा-मीठा-खारा है,पिता मेरा अभिमान है।पिता प्यार का अनुशासन है,पिता जन्म और दुनियादिखाने का एहसास है।पिता रक्त के दिए,संस्कारों की मूरत हैपिता रोटी कपड़ा और मकान है।पिता छोटे … Read more

चैत पवनियां

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** चैत पवनियां बहती जाए, लौ बैसाख बुलायो रे ग्रीष्म हाहाकार मचाए, तन-मन तरू झुलसाए। खाली-खाली पोखर नाले, पानी बिन ज्यों खाली प्याले सूखा पन तरसाए, तन-मन तरू झुलसाए। झंझावत झकोरे खाता, लू लपटों में घिर छहराता जन-जीवन पर जाए, तन-मन तरू झुलसाए। बालू कण में नदी समाई, नाव नदी संजोग भुलाई, … Read more

वीरों में वीर महाराणा प्रताप

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. वीरों में वीर महाराणा प्रताप, बालपन से स्वाभिमानी थे घास की रोटी खाने वाले, वह योद्धा खुद्धारी थे। बाईस हजार की सेना ने, अस्सी हजार ललकारे थे यूँ चपल वेग से चलते थे, यमराज स्वयं बन जाते थे। जब घोड़े चेतक पर चढ़ते, क्षत-विक्षत … Read more

धैर्य

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** दु:ख आए सह लिया, बुद्धिमान का काम ज्यों धरती सहती सभी, मेह शीत या घाम। विचलित करता है नहीं, जलनिधि को तूफान शान्ति भंग करते नहीं, दु:ख में पुरूष महान। किसी परिस्थिति में कभी, मन संतुलन गंवाय धैर्य न खोते विपत्ति में, महापुरूष समुदाय। सब छूटे छोड़ दें, किन्तु न … Read more

सिमट गए हैं उज्वल रिश्ते

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मन की पीड़ा समझ, न पाए दुनिया सारी। सिमट गए हैं उज्वल रिश्ते, भूल गए इमानदारी। रिश्तों की झनकार में, रहीं नहीं आवाज। ईर्ष्या कपट द्वैष का, हो चुका आगाज। सच्चे अर्थों मे देखें, सबंधों में प्यार नहीं कार्यवाही के प्यार में, कार्य से अब … Read more

हे प्रभु,अब आप ही पालनहार

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** यह कैसी असहनीय पीड़ा, अब तू जा रे कोरोना। कैसा तेरा प्रहार, प्रकृति भी मौन रही निहार। सबका मन अशांत, कब होगा कहर शान्त। घर में खाने के लाले, बच्चों को कैसे पाले। सब हो रहें पस्त, मानव जीवन हो रहा अस्त-व्यस्त। सेवाभावी पुलिस,डॉक्टर, उनका भी है अपना परिवार। इस … Read more

बीता दिन अब

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** दिन गया बीत, अब सांझ गीत। जल उठे दीप, जल तृषित सीप। पंछी अधीर, बह रहा नीर। अति नियति क्रूर, अति महल दूर। हैं थकित धीर, मधु हृदय पीर॥ परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि … Read more

जीवन का आधार प्रकृति

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति मानव जीवन का आधार, इस पर निर्भर है संसार। मनमोहक आकृति, मानव की प्रकृति इससे उपजी ढेरों फसलें, मिलता असीम उर्जा का संचार। कितने हम पर हैं उपकार, प्रकृति मानव जीवन का आधार…॥ प्रकृति मानव का घनिष्ठ संबंध, देती हमको आसरा। भूखों को तारती, … Read more

यह कैसी बिदाई बेला

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सहमे अरमानों से, कौन प्राण है खेला ? कैसी आज बिदाई बेला! कैसी तन में सिहरन है, कैसा उर में कम्पन जीवन पगडंडी पर, कैसी करुणा की तड़पन! दो-दो मन दौड़े पाने, एक सांझ की बेला। मिलन क्षितिज पर किन्तु नहीं, पंछी आज अकेला यह सूनी-सूनी बेला, कैसी आज बिदाई … Read more

फैले घर-घर भाईचारा

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** घर-घर गूँजे यही नारा, भारत देश महान हमारा। फैले घर-घर भाईचारा, हर घर हो उजियारा॥ देश-देश के बीच पड़ी है, भेदभाव की खाई विश्व राष्ट्र के हित में, ही देशों की छुपी भलाई। छोड़ें शासन छोड़ें शोषण, फैले घर-घर भाईचारा हर-घर हो उजियारा॥ राजनीति विज्ञान मिले तो, सर्वनाश का भय … Read more