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यह कैसी बिदाई बेला

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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सहमे अरमानों से,
कौन प्राण है खेला ?
कैसी आज बिदाई बेला!
कैसी तन में सिहरन है,
कैसा उर में कम्पन
जीवन पगडंडी पर,
कैसी करुणा की तड़पन!
दो-दो मन दौड़े पाने,
एक सांझ की बेला।
मिलन क्षितिज पर किन्तु नहीं,
पंछी आज अकेला
यह सूनी-सूनी बेला,
कैसी आज बिदाई बेला!
बाँट जोहते होंगे नयना,
तरसते प्राण इधर…
गर्म साँसें बेकल आहें,
लुटती और उधर
जीवन सरिता के तीरे,
लगा हुआ है मेलाl
जगती का उन्मन गाता,
अरे विश्व का रैला
देखो आज बिदा मेला।
दबी हुई-सी याद हृदय में,
होगी नयन रुलाई
प्रियतम यह अटल सत्य है,
अंतिम आज बिदाई।
टूटी रहेगी बात प्रणय की,
और साथ की हैला
पर स्मृति पाथेय बनेगी,
चलो चलन की बेलाl
कैसी आज बिदाई बेलाll

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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