हुआ नीड़ सूना
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** लुट गया मधुवन, हुआ वो नीड़ सूना। अब ना माली के, हृदय का घाव छूना। मधुप कलियों को, चले जाकर रुलाकर, उड़ गई कोकिला अधूरा गीत गा करl जब ना होगा नीर, सरिता क्या बहेगीं मीन जल से बिछुड़कर, कैसे रहेगीं। लहरियां तट को, जाती झुलाकर उड़ गई कोकिला, अधूरा … Read more