प्रेम-एक वरदान

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* प्रेम प्रकृति का दिया, हमको एक वरदान है इसके बिना ज़िन्दगी, वीरान है। प्रेम एक अहसास है, हम उनसे करते हैं जो हमारे, दिल के पास है। जिससे प्रेम करें, उसका प्रयोग न करें कभी भी किसी के, साथ दगा न करें। प्रेम से पराये भी, अपने हो … Read more

अक्स

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** बंद आँखों एक अँधेरे पर्दे पर, सायों को चला रहा है कौन दृश्य पर दृश्य बदलते हैं, अनदेखे,अनजाने,चेहरे बे-चेहरे तस्वीरें रोज अनोखी, बनाता है कौन। ज़ेहन की इन पगडंडियों पर, ये किसके नक़्शे कदम हैं मेरे हृदय की बंजर जमीं पर, ये किसकी कल्पना का अंकुर फूटा है नसों … Read more

‘शिक्षा’ प्रगति का आधार

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* शिक्षा है जीवन का आधार, बिना शिक्षा जीवन निराधार। शिक्षा ही है प्रगति का आधार, इसके बिना प्रगति की कल्पना करना बेकार। शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत, अहम बिना शिक्षा के कैसे निकलेगे, हमारे मन के वहम। न कोई वंचित रहे शिक्षा से, ऐसा करें प्रयास आपका … Read more

मृत्युदान

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** जीवन किसने माँगा था, मगर जन्म पर किसका अधिकार है! करना पड़ता स्वीकार है, जैसा भी मिले। फिर भी इस बार मैं, मानता हूँ अपनी हार मैं। इस संसार में अब गुजर नहीं, यहाँ मेरा सुर,मेरा संगीत नहीं यहाँ मेरी प्रीत नहीं,मेरा गीत नहीं, टूट गया मेरा अभिमान। अब … Read more

देश प्रेम

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* हम प्रेम करते हैं अपने परिवार से, अपने बच्चों से पेड़-पौधों सेl पशु-पक्षियों से, अपने प्रियतम से निर्जीव वस्तुओं से, मगर हम देश से… प्रेम क्यों नहीं करते ? देश है तो, हम हैंl क्या देश प्रेम का, ठेका हमारी सेना ने लिया है ? सबसे पहले प्रेम, … Read more

मानव है स्वार्थी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति अपनी चीजों का उपयोग, स्वयं नहीं करती वह इससे है, मानव का पेट भरती। मानव है स्वार्थी, करता है प्रकृति से खिलवाड़ तभी तो आते हैं सूखा और बाढ़। मानव प्रकृति की गोद में फलता फूलता है, इसके बाद भी प्रकृति को … Read more

स्मृति-विस्मृति!!

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** जीवन में कभी-कभी कुछ प्यारा खो जाता है, जीवन की प्रियतम वस्तु के खो जाने से… जीवन फिर जैसे अर्थहीन-सा हो जाता है! दुखों का सागर खूब हिलोरे लेने लगता, मन का विषाद मन को कुंठित करता रहता… तन थका हुआ हो,फिर भी मन जगता रहता! कुछ खो जाने … Read more

इच्छा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* आदमी की हसरतों का कोई अंत नहीं, एक पूरी हुई नहीं कि दूसरी उत्पन हो जाती है, और हसरतों को पूरी करने में, पूरी ज़िन्दगी गुज़र जाती है। इच्छाएं सीमित रखे, तभी अच्छी ज़िन्दगी जी पाएंगे, वर्ना इच्छाओं के चक्कर में पूरी, ज़िन्दगी गवाएंगे। इच्छाएं होती है, बेवफा … Read more

आधुनिक श्रवण कुमार

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* वृद्धाश्रम में, एक युवक अपने माँ बाप को छोड़ने आया। और देखिए, विधि की विडम्बना उसने अपना, नाम ‘श्रवण कुमार’ बताया॥ परिचय-डॉ. प्रताप मोहन का लेखन जगत में ‘भारतीय’ नाम है। १५ जून १९६२ को कटनी (म.प्र.)में अवतरित हुए डॉ. मोहन का वर्तमान में जिला सोलन स्थित चक्का … Read more

वतन पर कुर्बान कर दी सारी ज़िन्दगानी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. नाम था `आज़ाद`, सपना था देश को कराना आज़ाद, और स्वयं भी रहे ज़िन्दगी भर आज़ादl १४ वर्ष की उम्र से ही क्रांति का रास्ता चुना, खेलने-कूदने की उम्र में मौत का रास्ता चुनाl देश को आजाद कराने में की, अपनी जवानी … Read more