रोटी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* लोग रोटी के लिए, मेहनत करते हैं बेईमानी करते हैं, फरेब करते हैं मारपीट करते हैं चोरी करते हैं, कभी-कभी तो क़त्ल भी, करते हैं एक रोटी के लिए…l क़त्ल करने के बाद, आपकी रोटी कमाने की समस्या ख़त्म, हो जाती हैl क़त्ल के बाद, आपको जेल हो … Read more

आँगन

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* घर का प्रवेश द्वार है आँगन, बड़े-बूढ़ों के आराम का स्थान है आँगन। घर की स्त्रीयों के, लिए मेल-मिलाप का स्थान है आँगन। पशु-पक्षियों के लिए, बसेरा है आँगन। खुशियों की शहनाई, बजती है आँगन में और गम के समय भी, लोग जुडते है आँगन में। हमारे दिन … Read more

लाल बहादुर शास्त्री

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* कद में छोटे, पर मजबूत इरादे नहीं कभी किये, देश से झूठे वादे। सादा जीवन, उच्च विचार यही था उनके, जीवन का आधार भारत पाक युद्ध में, दिया पाक को हार का उपहार, थे विनम्र और सहनशील। नहीं किया, किसी को कभी जलील समझते थे आम आदमी की … Read more

काश!

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** काश! प्यार करने वाले मोम के बने होते, पिघल कर एक दूसरे में मिले तो होते, काश! सदा एक ही डाली के फूल होते, काँटों के बीच गुस्ताखी से खिले तो होते, काश! तोड़ देते जमाने की बेदर्द बेड़ियां, पत्थरों से कठोर दिल कुछ हिले तो होते, काश! ना होती … Read more

मोहब्बत

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** वो कहते हैं- मोहब्बत ज़िन्दगी है, मोहब्बत बंदगी है मोहब्बत फूलों की सेज है, मोहब्बत अरमानों,ख्वाबों की परवाज़ है। मोहब्बत दीवानगी की पाठशाला है, मोहब्बत दो दिलों की प्रेमशाला है और भी न जाने क्या-क्या ? हकीकत तो यह है- मैंने मोहब्बत को, रात के अंधेरों में जार-जार सिसकते, रोते, … Read more

पलटना भी जरूरी है

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** सियासत के तरीकों का,बदलना भी जरूरी है, अंधेरी रात का आलम,सुबह होना जरूरी हैl बहारों को पता दे दो,खिलाये फूल खुशियों के, चमन का बेरहम माली,पलटना भी जरूरी हैl अमन बेचैन दिखता है,घृणा की वादियां छाई, दिलों के फासले अब तो,दरकना भी जरूरी हैl तमाशा देख चुप होना,सियासत राजदारों की, … Read more

इंतजार-मीठा अहसास

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** इंतजार के एक-एक पल कितने मीठे होते हैं, जिनमें तुम होती हो और होती है तुम्हारी मीठी यादें, तुम्हारे दिल से निकले बेबाक शब्द जो फूटते हैं तुम्हारे होंठों से, किसी मीठे झरने की उन बूंदों की तरह, जो दौड़ पड़ती है, अपने प्रियतम सागर से मिलने के लिए, अपना … Read more