अलविदा
मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** कल्ब ये इंतज़ार करता था उस संध्या के आगमन का, जब फोन की घंटी बजती थी आपसी गुफ्त़गू के लिए। अफ़साने की शुरुआत बड़ी हसीन थी क्योंकि,आदिल अत्फ़ का खुमार चढ़ा था, छोटी-छोटी बातों में खुर्रम होने लगे और बिन वज़ह चेहरे पर तबस्सुम रहती। एक दिन वे जाते-जाते खत मेरे … Read more