लौट आओ…

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ये रास्ता, जो तुम्हें ले जा रहा है, नदी से रेत उलीचने। ये रास्ता, जो तुम्हें ले जा रहा है, टीले से मिट्टी निकालने। ये रास्ता, जो तुम्हें ले जा रहा है, पहाड़ से खनिज निकालने। ये रास्ता, जो तुम्हें ले जा रहा है, जंगल से पेड़ काटने। ये वो … Read more

`हिन्दी` भाषा में `अंग्रेजी` के उपयोग से बचा जाए

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और जन-जन की भाषा भी। हिन्दी हमारे राष्ट्र में विविध बोली जाने वाली भाषाओं में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह बेहद खुशी और गौरव की बात है कि वर्तमान में हिन्दी में इतना लेखन हो रहा है जो इसके पहले कभी नहीं लिखा गया। … Read more

उनकी तरह

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट, मैं पहुंच गया और, खेलने लगा क्रिकेट उनके साथ, उनकी तरह। पौधारोपण, कर रहे थे कुछ लोग मिलकर, मैं पहुंच गया और, करने लगा पौधारोपण उनके साथ, उनकी तरह। एक चबूतरे पर, हो रहा था कीर्तन, मैं पहुंच गया और, करने लगा कीर्तन उनके साथ, … Read more

मुस्कुराने के लिए भी

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट अच्छे मूड में, और तभी पड़ोसी आकर छीन ले गया गेंद। पड़ोसिनें तैयार हुईं थीं, जाने के लिये मंदिर अच्छे मूड में, और तभी एक पड़ोसिन का पति ले गया उसकी पत्नी को गुस्से में। रविवार को वह देख रहा था टी.वी. अच्छे मूड में, … Read more

उम्मीद

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** उम्मीद है किसान को, इस साल बरसेगा पानी जम के फसलें लहलहायेंगी खूब…। उम्मीद है कौए को, जलेबी खा रहे बच्चे के हाथ से गिरेगा जलेबी का टुकड़ा…। उम्मीद है चिड़िया को, कमरे में टंगी हुई फोटो के पीछे वह बना लेगी घोंसला…। उम्मीद है भिखारी को, कोई तरस खाकर … Read more

आ जाओ तुम

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. कृष्ण कहाँ हो आ जाओ तुम, तरसें,दरस दिखा जाओ तुम। रोम-रोम में प्रेम बसा जो, हम पर भी बरसा जाओ तुम। चहुंओर तम-सा जो पसरा, आकर दीप जला जाओ तुम। दिशाहीन हम भटक गये हैं, राह सही दिखला जाओ तुम। एक नहीं कई कंस हुए अब, … Read more

तुम्हारी तरह

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ऐसा तो नहीं तुम करना चाहते थे, मुझे फोन मगर नहीं किया फिर, ये सोचकर कि मैंने क्यों नहींं किया तुम्हें फोन ? ऐसा तो नहीं तुम आना चाहते थे, मुझसे मिलने मगर नहीं आये फिर, ये सोचकर कि मैं क्यों नहीं आया, तुमसे मिलने ? ऐसा तो नहीं तुम … Read more

खत्म करना है लड़ाई

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** मत लड़ो मेरे दोस्त, लड़ना ठीक बात नहींं, लड़ने में विचारों में रहती है अशांति, चेहरे पर रहती हैं रेखाएं, दिल में भ्रांति हमें नहीं भाती किसी की सीख, हम उलझे रहते हैं सदैव लड़ने की फिराक में, मौके की ताक में हमारा पूरा समय, बीत जाता है इसी बात … Read more

सुनूंगा जरूर

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** तुम मुझे आवाज दोगे तो, मैं अनसुनी नहीं करुंगा सुनूंगा जरूर। तुम आओगे मेरे घर, तो मैं नहीं कहलवाऊँगा बच्चे से कि घर पर नहीं हूँ मैं, बल्कि मिलूंगा तुमसे जरूर। तुम लगाओगे मोबाइल मुझे, तो बंद नहीं करुंगा मोबाइल बात करुंगा जरुर। यह भी नहीं होने दूंगा कि’ मैं … Read more

ज़िन्दगी का अर्थ

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ज़िन्दगी का अर्थ नहीं, समझने में हम जबसे असमर्थ हैं, जितना भी कमाने में लगे रहो, सब व्यर्थ है क्योंकि, कमाने के चक्कर में खो गये हैं हमारे संगी-साथी,पड़ोसी,हितैषी, हमने कमाने की अंधी दौड़ में इन्हीं को रौंदा है, इसीलिये सूना घरोंदा है, आओ स्वार्थ-दहलीज़ को पार करें, हमारे आसपास … Read more