पिता आप भगवान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आनंदित निज पूत पा,किया समर्पित जान। पिता त्याग सुख शान्ति को,पूरण सुत अरमानll लौकिक झंझावात को,पिता सहे चुपचाप। धूप वृष्टि या शीत हो,यायावर संतापll पूत चढ़े सोपान को,सहता नित अपमान। कर्ता भर्ता जनक बन,स्नेह सींच सन्तानll संवाहक परिवार का,निर्वाहक है समाज। संघर्षक भर जिंदगी,निर्माणक सुत आजll पूत पिता … Read more

बेटी की आह सुनो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चाहे जो कानून हो,कोई भी सरकार। सोच न बदले स्वयं का,अंत नहीं व्यभिचारll शर्मनाक अमानवीय,निंदनीय आचार। मर चुकी इन्सानियत,निर्भय वह लाचारll मौत मिले कुछ इस तरह,काँपे उसकी रूह। सजा मिले शैतान को,निकल न पाए ऊह॥ कैसी बर्बादी सनक,घृणित काम की सोच। सीमा लांघी क्रूरता,नहीं दया दिल लोच॥ शर्महीन … Read more

मौत खड़ी फुफकारती

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अनज़ान नहि इस लोक में,दाता हो या दीन। मौत खड़ी फुफकारती,पर चाहत भयहीन॥ झूठ कपट सोपान से,चढ़ लिप्सा परवान। जन्म मरण ध्रुव मानकर,बनता नित धनवान॥ जो पाया सब तज धरा,तन धन अरु सम्मान। डेढ़ गज भी नसीब हो,जमीं मिले अवसान॥ चाहे कर जितना यतन,तैयारी सामान। नियत काल यमदूत … Read more

जीवन-दर्शन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दुनिया में होता बड़ा,शील धीर विवेक। परहित मृदुभाषी सदा,मौन प्रकृति हो नेक॥ तौल शील गुण त्याग सच,अपना नित आचार। अगर सफल गुरुता हुई, हुआ बड़ा आधार॥ ज्ञानवान अभिमान नर, कोप रौब आचार। दुराचार हो कटुवचन,लघुतर नर संसार॥ नहीं दोष दें अन्य को,याद करें निज कर्म। तौले तुला विवेक … Read more

दिल को चीरता रोदन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** बेहद दर्दनाक ख़ौफ की कालिमा सूरत की सीरत से स्तब्ध,भौंचक्का, चारों तरफ पसरा मासूम निर्दोष चीखती मौत का भष्मासुर अनल तांडव, मचा हाहाकार,दिल को चीरता रोदन कूदते,चिल्लाते,जलते देश के होनहार निर्माणक असहाय चिराग। मर्माहत सूना फिर ममता का आँचल, जला क्रूर असुर के दावानल में त्राहि-त्राहि जीवन रक्षण … Read more

विजय सम्मान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** महाविजय अभियान से,अश्वमेध का अश्व। क्षत-विक्षत रिपुदल हुआ,कामदार तेजश्वll अहंकार की आग में,हुआ विरोधी अन्त। चोरों का अदभुत मिलन,हार गई उस सन्तll गाली प्रधान को हर दिवस,कह गब्बर अपमान। नोटबंदी का भय दिखा,सूट-बूट बदनामll राष्ट्रवाद भारी पड़ा,मुद्दा बना विकास। बालकोट का शौर्यबल,मोदी पर विश्वासll रण भेदा कुरुक्षेत्र का,पार्थ … Read more

स्वागत करूँ सतरंगी अरुणाभ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अभिनंदन स्वागत करूँ,सतरंगी अरुणाभ। नव उमंग नव लक्ष्य पथ,द्रुत नवगति नीलाभll नवप्रभात दर्शन सुलभ,नया सृजन नवनीत। नव उमंग नवरंग से,परहित कर नवप्रीतll अनुरागी हम हैं वतन,धर्म रीति अरु नीति। हैं सहिष्णु समरस सुलभ,गाएँ भारत गीतिll खग मृग सह पादप लता,हूँ निकुंज सुखधाम। मातु प्रकृति नवरस सहज,कँटिल पुष्प अभिरामll … Read more

जय किसान करता सबल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** रात दिवस रत खेत में,लघुकिसान कर काम। सुविधा जो सरकार दी,उन्हें मिले न दामll रैयत जो हैं खेत के,उठा रहे हैं लाभ। कामगार मज़बूर हैं,आशा में अरुणाभll नेता जो किसान आज,सुख-सुविधा से लैस। मर्सिडीज में घूमते,ऋण लेते हैं कैशll खुले चरण तन चीर बिन,रहे शीत बरसात। आग उगलती … Read more

माँ का आँचल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ के आँचल में सिमटी सारी सल्तनत,सुकून भरी जिंदगी, मान अपनी सुरक्षा का सुदृढ़ कवच न केवल एससास,वरन विश्वास अपने वजूद का इस लोक में, अपनी सबलता और स्वाभिमान को ममता और वात्सल्य की शीतल छाँव में कर सुरक्षित,निश्चिन्त निरापद,निर्भीक, परम शान्ति की अनुभूति … Read more

महापर्व-मतदान️ करें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** क्या आपने मतदान किया ? मित्रों,हाँ हमने मतदान किया, मत के न केवल अधिकारी हम वरन् कर्तव्यनिष्ठ जाग्त सशक्त, सतर्क सदा तत्पर प्रबुद्ध हम प्रजा प्रबल हैं हस्ताक्षर, है यह लोकतंत्र का महापर्व तभी शक्ति समुन्नत होंगे, सदभाव शान्ति व नीति प्रीति हो शिक्षित समदर्शी लोकपाल, जनप्रतिनिधि चयन … Read more