स्वप्न करें साकार
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** स्वप्न रहेंगे स्वप्न,अगरतुम देख इन्हें ना जागोगे,प्रस्तर तभी बनेंगे मूरतजब तुम इन्हें तराशोगे। पावन ध्येय,लगन हो सच्चीहर बाधा मिट जाती है,मिल जाती है दिशा लक्ष्य कीराह स्वतः बन जाती है,मिले लक्ष्य,जब पथ के कण्टककुचल सभी तुम डालोगे।प्रस्तर तभी बनेंगे मूरत,जब तुम इन्हें तराशोगे॥ उठती लहरों से डरा जो,उसनेकब दरिया … Read more