स्वप्न करें साकार

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** स्वप्न रहेंगे स्वप्न,अगरतुम देख इन्हें ना जागोगे,प्रस्तर तभी बनेंगे मूरतजब तुम इन्हें तराशोगे। पावन ध्येय,लगन हो सच्चीहर बाधा मिट जाती है,मिल जाती है दिशा लक्ष्य कीराह स्वतः बन जाती है,मिले लक्ष्य,जब पथ के कण्टककुचल सभी तुम डालोगे।प्रस्तर तभी बनेंगे मूरत,जब तुम इन्हें तराशोगे॥ उठती लहरों से डरा जो,उसनेकब दरिया … Read more

आशा

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ पराई आस- सदैव करती है, हमें निराश। पूरी उम्मीद- जैसे हो गई कोई, मीठी सी ईद। करो प्रयास- किसी का न टूटे, फिर विश्वास। छाती निराशा- जब मेरे दिल की, टूटती आशा। आशा न तोड़- जीवन अनमोल, मुख न मोड़। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more

सपने

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सपने, सिर्फ सपने कभी नहीं होते, यारों वो अपने। सोच, समझ कर देखो स्वप्न सुनहरे, नहीं रहे अधूरे। भरो, ऊँची उड़ान सपनों के लिए, खुला हुआ आसमान। देखो, रोज सपने हकीकत में पाँव, जमीन पर अपने॥ परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

उगता सूर्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ उगता रवि- इंद्रधनुषी आभा, अद्भुत छवि। सूर्य लालिमा- छाया नव उत्साह, मिटी कालिमा। भोर वंदन- जल पुष्प अक्षत, कर अर्चन। महका वन- कलियों पे मधुर, अलि गुंजन। मुख मुस्कान- दीप आरती कहीं, शंख का नाद। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई … Read more

रोशन किरदार

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मैं,आज,पुरानी तस्वीरें जब देख रहा हूँ, तेरा रोशन क़िरदार,मैं,इनमें देख रहा हूँ। दीदार हुआ जब,भूल गये लब,जो था कहना, नज़रों ने की जो बातें,सारी याद मुझे है लरज़ते हाथों से गुल मेरा,नज़र वो करना, इक़रार,झुकी पलकों का तेरी,याद मुझे है। मुलाक़ात पहली,वो,फिर से देख … Read more

साथ छूटे ना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मजबूरियाँ- सामाजिक सम्बंध, और दूरियाँ। साथ छूटे ना- अटूट हो बन्धन, कोई रूठे ना। हो अनुबंध- कभी नहीं बिगड़े, अच्छे संबंध। यही है रीत- भूल के नफ़रत, रखना प्रीत। कर सम्मान- सामाजिक सम्बन्धों, का रख ध्यान। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ … Read more

प्रकृति का न्याय

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** बही सलिल शुद्ध,चली पवन शुद्ध, ये गगन भी,अब,मुस्काया है हो वात आवरण स्वस्थ,स्वयम् प्रकृति ने कदम उठाया है। प्रकृति सदा ही रही मित्र, मानव की,मानव समझा ना मद अहंकार की पी-पी कर, वह स्वयम् नियंता बन बैठा करने को उसकी मति शुद्ध, पुनि अपना रूप दिखाया है। हो वात … Read more

मुश्किल वक़्त गुज़र जाएगा

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** देख दुश्वारियाँ,बोला बूढ़ा शजर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा ये गुज़र इम्तिहां की घड़ी है,जरा सब्र कर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा ये गुज़रll हर बरस छीनती,बर्ग ये शाख से, ज़ीस्त मेरी,मगर,छीन सकती नहीं जाना होगा ख़िज़ां को,ये तय बात है, हौंसले से मेरे,जीत सकती नहीं हाँ,बहारें लिये,आएगी फिर सहर, है वक़्त मुश्किल,मगर,जाएगा … Read more

करें पूजा-अर्चना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** राम नवमी- करें पूजा अर्चना, सकल धर्मी। उदित रवि- मन-बसी राम की, सुंदर छवि। प्रभु श्री राम- सबके बनातें हैं, बिगड़े काम। खड़े हैं द्वार- छुपे बैठें रावण, करो उद्धार। कंचन काया- हे! मर्यादा पुरूष, अद्भुत माया। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more

जागी दुनिया सारी

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** माना, ‘कोरोना’ का आना विपदा इस जग पर भारी है, किन्तु इसके आने से ही तो,जागी दुनिया सारी है। श्वेत वस्त्र,काले मन वाले दुष्ट सभी भयभीत हुए, जाति-धर्म का राग सुनाते शान्त सभी,वो गीत हुए। मौत के भय से छूमंतर देखो सब दंद औ फंद हुए, ज़हर उगलने वाले,सब … Read more