कुल पृष्ठ दर्शन : 318

करें पूजा-अर्चना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ 
उदयपुर (राजस्थान)
**************************************************************
राम नवमी-
करें पूजा अर्चना,
सकल धर्मी।

उदित रवि-
मन-बसी राम की,
सुंदर छवि।

प्रभु श्री राम-
सबके बनातें हैं,
बिगड़े काम।

खड़े हैं द्वार-
छुपे बैठें रावण,
करो उद्धार।

कंचन काया-
हे! मर्यादा पुरूष,
अद्भुत माया।

परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई १९६९ और जन्म स्थान-ऋषभदेव है। वर्तमान पता उदयपुर स्थित हिरणमगरी (राजस्थान)एवं स्थाई गोरजी फला ऋषभदेव जिला-उदयपुर(राज.)है। आपने हिंदी और संस्कृत में स्नातकोत्तर किया है। कार्य क्षेत्र-शिक्षक का है।  सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में निरंतर सहभागिता करते हैं। श्री जैन की लेखन विधा-हाइकु,मुक्तक तथा गद्य काव्य है। लेखन में प्रेरणा पुंज-माता-पिता और धर्मपत्नी है। रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को समृद्ध व प्रचार-प्रसार करना है। 

Leave a Reply