हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. मात्रा शिल्प: भार १६-१३हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है।तन-मन सब-कुछ वार दिया है,इस पर जां कुर्बान है॥ नमः मातरम् नमः मातरम्,धरती का यह राग है।भारत वासी बेटे हैं हम,सबकी यही जुबान है।हिन्द देश के हैं हम… अंग्रेजी पढ़ लेना तुम सब,बनना मत … Read more

शिक्षा धन सबसे बड़ा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** शिक्षा धन सबसे बड़ा,शिक्षा है अनमोल।शिक्षा से कुछ भी नहीं,और नहीं हैं तोल॥ शिक्षा से संस्कार का,होता आज विकास।शिक्षा से इंसान है,शिक्षा ज्ञान प्रकाश।। सबसे उत्तम ज्ञान है,मत बनना अज्ञान।अज्ञानी दु:ख पात है,जैसे मृत्यु समान॥ जीवन में सुख पाइए,शिक्षा ज्ञान अपार।शिक्षा ज्योत जलाइए,जगमग हो संसार॥ उन्नति देश समाज की,शिक्षा से … Read more

बसंती अति मन भावन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. माघ बसंती अति मन भावन,सुन्दर सुखद निराली है।आम्र बौर की झुकती डाली,कोयल भी मतवाली है॥ जन्मदिवस माँ सरस्वती का,ऋतु बसंत की बेला है।तिथि पंचम शुभ दिन है आई,फूलों वाला मेला है॥ज्ञान बाँटती सप्त स्वरों की,शारद भोली भाली है।माघ बसंती अति मन भावन… दुल्हन जैसी ओढ़ … Read more

अमर रहे गणतंत्र हमारा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. अमर रहे गणतन्त्र हमारा,जन-गण-मन का नारा है।आसमान पर देख तिरंगा,विश्व गगन का तारा है॥ सदियों से हम ठोकर खाएँ,मिली आज आजादी ये।चलो सहेजें अपनी धरती,अब मत हो बर्बादी ये॥वसुंधरा माँ के आँचल को,हमने आज सँवारा है।अमर रहे गणतन्त्र हमारा… शष्य श्यामला हरी-भरी हो,बंजर धरती की क्यारी।जय … Read more

शबरी के बेर

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ शबरी महिमा राम की,जानत सकल जहान।रचना तुलसी दास की,अमर भये हनुमानll घर त्यागे परिवार को,कुटिया एक बनाय।रटते-रटते राम को,सारी उमर बितायll राम-लखन की चाह में,नित-नित करती ध्यान।चुन-चुन मीठे बेर को,रखे आस भगवानll जंगल की वो भीलनी,शबरी भक्त महान।राम चरण अनुरागिनी,प्रेम प्रीत प्रतिमानll प्रेम परोसे राम को,जूठा बेर खिलाय।दर्शन की थी … Read more

गुरू महिमा

डोमन निषादबेमेतरा(छत्तीसगढ़) ********************************* सच है,गुरु ज्ञान का दर्पण है।सच है,गुरु,शिष्य के लिए समर्पण है।सच है,गुरु मन का स्मरण है।सच है,गुरु प्रेम-भाव का वर्णन हैं।सच है,गुरु सत्य का निर्माण है।सच है,गुरु ही कष्ट के परिर्वतन है।सच है,गुरु कर्म का अर्पण है।सच है,गुरु शब्दों से परिपूर्ण हैं।सच है,गुरु ही श्रेष्ठता के दर्शन हैं॥

मिलता है फल खास

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. पौष मास में सूर्य जब,करता मकर प्रवेश।तभी मने संक्रांति हैं,पूजन करें दिनेश॥ प्रातः उठकर स्नान कर,रक्त पुष्प ले हाथ।लोटा पानी अर्घ्य दे,चन्दन अक्षत साथ॥ स्नान दान अरु पुण्य से,होता है कल्याण।प्रमुख पर्व होता यही,शुद्ध होत है प्राण॥ भगवत गीता पाठ कर,कम्बल तिल घी दान।करते जो भी … Read more

नववर्ष

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************** नये वर्ष की पावन बेला,चहुँदिशि खुशियाँ छाई है।देखो जल थल नभ में सारे,अरुणाई घिर आई हैll पंछी कलरव करते देखो,नव प्रभात की बेला में।घूम रहे सब बच्चे-बूढ़े,नये वर्ष के मेला मेंllसुखद सुहाना मौसम भी है,चले पवन पुरवाई है।नये वर्ष की पावन बेला… हर घर खुशहाली का मंजर,नहीं रोग का साया … Read more

नया वर्ष

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************** मन में सपने हैं सजे,खुशियों के दिन आय।सुन्दर सुखद सुहावनी,शीतल शीत सुहाय॥शीतल शीत सुहाय,खुशी मन में है छाई।हिय में उठे तरंग,आज मौसम सुखदाई॥कहे ‘विनायक राज’,मनाओ पिकनिक वन में।नया वर्ष है आज,सजाओ सपने मन में॥

मोहन धरा उबारिये

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************* गोवर्धन धारण किये,इंद्र कोप से आप।मोहन धरा उबारिये,कोरोना संताप॥ घूम रहा है दैत्य बन,देखो देश विदेश।गिरधारी रक्षा करो,कोरोना है क्लेश॥ उथल-पुथल चहुँ ओर है,निराकार आकार।महाकाल आगे खड़ा,आओ पालनहार॥ सुन्दर मुख घन श्याम का,तीनों लोक समाय।मधुर मुरलियाँ जब बजे,प्रेम मगन हरषाय॥ जब-जब मुरली है बजे,गुंजित वन चहुँ ओर।रम्भातें गइया सभी,पीछे माखनचोर॥ … Read more