आजादी के थे दीवाने

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. आजादी के थे दीवाने, नाम चन्द्रशेखर आजाद। बलिदानी मानव को हम भी, आओ कर लें कुछ पल यादll काकोरी में ट्रेन डकैती, भरी खजाने को दी खोल। निर्भय रहते डरे नहीं वो, भारत माता की जय बोलll छोटा-सा बालक जब थे वो, … Read more

यादें

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** यादें तड़पाती मुझे,चैन नहीं दिन रात। हर पल आती याद है,उससे की जो बात॥ उससे की जो बात,हमें जब याद सताती। मिलने को मजबूर,वही यादें घिर आती॥ कहे विनायक राज,किये उसने जो वादे। उन्हीं दिनों की बात,बसी है मन में यादें॥

खोना

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मत खोना सम्मान को,ये तो है अनमोल। इसे बचाना साथियों,मीठा-मीठा बोल॥ मीठा-मीठा बोल,मिलेगा स्नेह सभी से। हो जा तू तैयार,सँजोने मान अभी से॥ कहे ‘विनायक राज’,निराशा तुम मत होना। अपना ये सम्मान,कभी भी तुम मत खोना॥

डोरी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** टूटे कभी न डोर ये,बनते ये संजोग। रिश्ते बन्धन प्रेम का,बँधे सभी हैं लोग। बँधे सभी हैं लोग,जहां में देखो प्यारे। कहलाते परिवार,सभी मिल रहते सारेll कहे `विनायक राज`,यहाँ कोई मत छूटे। प्रेम-भाव निःस्वार्थ,कभी मत डोरी टूटेll

आओ साजन

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** आओ साजन पास में,मन मेरा हर्षाय। किरण जगी उम्मीद की,प्रीत हिलोरे खाय॥ प्रीत हिलोरे खाय,मगन मेरा मन डोले। पिया मिलन की चाह,मधुर कोयलिया बोले॥ कहे ‘विनायक राज’,गीत प्यारा कुछ गाओ। साजन कर मत देर,आज जल्दी घर आओ॥

खिलना फूलों-सा

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** खिलना फूलों-सा यहाँ,महके सदा बहार। होंठों पर मुस्कान हो,मिले सभी का प्यार॥ मिले सभी का प्यार,लगे जन-जन को प्यारा। सुन्दर हो व्यवहार,तुझे पूजे जग सारा॥ कहे ‘विनायक राज’,गले तुम सबसे मिलना। रखना हँसी जुबान,खुशी से हरदम खिलना॥

अमर रहे गणतन्त्र हमारा…

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… अमर रहे गणतन्त्र हमारा, जन-गण-मन का नारा है। आसमान पर देख तिरंगा, विश्व गगन का तारा हैll सदियों से हम ठोकर खाएँ, मिली आज आजादी ये। चलो सहेजें अपनी धरती, अब मत हो बर्बादी येll वसुंधरा माँ की आँचल को, हमने आज सँवारा है। … Read more

तपती धरती

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** धरती तपती धूप से,कटते वन चहुँओर। नहीं किसी को सुध यहाँ,बनते हृदय कठोरll बनते हृदय कठोर,नहीं सुध कोई लेते। काटे वृक्ष अपार,इसे बंजर कर देतेll कहे `विनायक राज`,धरा सबके दु:ख हरती। वृक्ष लगाकर आज,बचा लो तपती धरतीll

फौजी बना दो

डोमन निषाद बेमेतरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************ बन न सकूँ तो, मुझे कुछ और बना दो। माँ इतनी ही दया करो न, माँ मुझे फौजी बना दो॥ तन समर्पित है मन समर्पित है, सदैव माँ भारती का गान हो। मुझपे इतनी ही करूणा करो न, माँ मुझे फौजी बना दो॥ माँ भारती पर मेरा कर्ज है, उस ऋण … Read more

दुनिया

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** अपने-अपने हैं सभी,अपनों से हो प्यार। दुनिया की इस भीड़ में,खो मत जाना यारll खो मत जाना यार,यहाँ धोखा ही पाते। जिसका खाते अन्न,उसी का हैं गुण गातेll कहे `विनायक राज`,देखना मत तुम सपने। स्वार्थ करे इंसान,नहीं हैं कोई अपनेll