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यादें

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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यादें तड़पाती मुझे,चैन नहीं दिन रात।
हर पल आती याद है,उससे की जो बात॥
उससे की जो बात,हमें जब याद सताती।
मिलने को मजबूर,वही यादें घिर आती॥
कहे विनायक राज,किये उसने जो वादे।
उन्हीं दिनों की बात,बसी है मन में यादें॥