डोमन निषाद
बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
************************************************************
बन न सकूँ तो,
मुझे कुछ और बना दो।
माँ इतनी ही दया करो न,
माँ मुझे फौजी बना दो॥
तन समर्पित है मन समर्पित है,
सदैव माँ भारती का गान हो।
मुझपे इतनी ही करूणा करो न,
माँ मुझे फौजी बना दो॥
माँ भारती पर मेरा कर्ज है,
उस ऋण को चुका पाऊं।
ऐसा मनोबल बढा़ओ न,
माँ मुझे फौजी बना दो॥
अब बसने नहीं दूंगा,
भारतभूमि में आतंकवादी को।
हे माँ मेरा सपना सजा दो न,
माँ मुझे फौजी बना दो॥