मजबूर मजदूर
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** श्रमिक गति है विकास की,श्रमिक ही बुनियाद, अब वही नींव कर रही,इमारत से फरियाद। सड़कें भी रो पड़ी देख मजदूर के हालात, परिश्रम उनका सिसक रहा ना सुने कोई बात। मार्ग दिए जिन्होंने विकास के हैं वही सड़क पर, आज विकास की पीठ पर किया है बड़ा घात। गरीबी भुखमरी बेरोजगारी … Read more