मजबूर मजदूर

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** श्रमिक गति है विकास की,श्रमिक ही बुनियाद, अब वही नींव कर रही,इमारत से फरियाद। सड़कें भी रो पड़ी देख मजदूर के हालात, परिश्रम उनका सिसक रहा ना सुने कोई बात। मार्ग दिए जिन्होंने विकास के हैं वही सड़क पर, आज विकास की पीठ पर किया है बड़ा घात। गरीबी भुखमरी बेरोजगारी … Read more

हममें ही भगवान,मन से करो पुकार

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** बुद्ध पूर्णिमा विशेष……………. जब कमी हुई ज्ञान की,बढ़ गया अभिमान, गरीबी लाचार बनी,टूटता स्वाभिमान। तब ज्ञान का सूर्य उगा,चमका सभी जहान, ज्ञान सबको बांट दिया,जब आए बुद्ध महान॥ देख असमानता समाज में किए खुद से युद्ध घने, करके ध्यान मन में तथागत परम ज्ञानी बुद्ध बने। समाज में घृणा और भेदभाव … Read more

ऐसा मित्र सबको मिले

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** अकल का है वह पक्का,करे है बहुत काम, दोस्त वह अच्छा सबसे,अशोक उसका नाम। खूब डटकर काम करे,दिन हो या हो रात, मेहनत से डरे नहीं,डर को मारे लात। है तो घुमंतु स्वभाव का,करे है खूब मौज, जाता है जब गांव में,चले शान से फौज। घूम-फिर कर गांव में,देखें अपने खेत, … Read more

पंख लगा देते हैं सपने

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** प्रत्येक व्यक्ति के सपने, होते हैं सबके अपने। सपने जिनमें उड़ान होती है, मनुष्य के लिए सबसे खूबसूरत होते हैं उसके सपने। इन सपनों से ही मानव, जीवनभर गतिशील रहता है। गतिशील रहना ही, मानव का कर्तव्य है। सपनों के मार्ग पर कितने, संघर्षों का सामना होता है। संघर्षों से लड़ना, … Read more

देखो आया है बसंत

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** देखो आया है बसंत, हुआ स्वर्ग जैसा भोर कितना कलरव का शोर, धरा ओढ़ रही सुनहरी चादर उषा की किरणें करतीं आदर, चल रही है मंद-मंद बयार सुनाती यह बसंत का सार, लेकर आया ये समय हसंत। देखो आया है बसंत…ll सुनहरे पात झूमतीं कलियां, किरणों से बन रहीं फलियां मंडरा … Read more

ईश्वर के रूप

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** ईश्वर वह है किसका वर्णन करना आसान नहीं, हर वस्तु में है ईश्वर सच में उसका निशान नहीं। जो भरता है संसार का पेट भूखे रहकर खेत में, वह भी तो भगवान का रूप है,एक किसान नहीं॥ हर तृण हर पात के सचेत मन में एक ईश्वर है, हर जीव-जंतु हर … Read more

हम सब हैं अब मस्त

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… देखो बड़े दिन की छुट्टी आईं,छुट्टी आईं, सर्दी की भागदौड़ से कितनी राहत लाईं। भयानक सर्दी में रहते हम चिंता ग्रस्त, ठंड की छुट्टियों में हम सब हैं अब मस्त। सुबह-सुबह की भाग-दौड़ से किनारा, छुट्टियों में मिला अब शांति का पिटारा। इन सब छुट्टियों … Read more

भ्रष्टाचारी मुखिया

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** घर-घर जाकर पड़े हैं पाँव मुखिया, मांग रहे वोट करके काँव-काँव मुखिया। गाँव की एकता से बनकर खड़े हैं मुखिया, बाद में फिर कभी नहीं पैर पड़े हैं मुखिया। वादों से बचने की बातें छाँट रहे हैं मुखिया, रोज सरकारी दही-मलाई चाट रहे हैं मुखिया। हुआ कहीं झगड़ा तो घर में … Read more

जल ही जीवन

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जल है तो ही कल है, जल से जीवन उज्जवल है। जल से जीवन का अस्तित्व, जल से ही संसार सकल है॥ जल से ही सब जीवन है, जल से ही नव सृजन है। जल से ही खिले सब यहां, नव प्रगति के उपवन हैं॥ अब और नहीं धरा पर पय, … Read more

दीपक

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर, हवाओं से डटना तू होकर निडर। संसार के अंधेरे को मिटाना है तुझे, जग में सोए हुए को जगाना है तुझे। संघर्षों से लड़ना है,रहना तू तत्पर, हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर… रवि के सामने अंधकार सब भागे, जिनके होने से संसार सभी जागे। … Read more