बंध और दूरी-हमारा कर्तव्य

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. समाज,सामाजिक इन शब्दों से हम़ अंजान तो नहीं हैं। सामाजिक विषयों पर अगर कोई कुछ लिखना चाहे तो पूरी ज़िंदगी कम है। वैसे तो इन शब्दों का अर्थ पहले से पता है लेकिन फिर भी सामाजिक सम्बन्ध और दूरी की जब बात आती है,तब इसके गहन … Read more

घर बैठना है साहस

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ आयी कैसी महामारी, चारों ओर छायी बीमारी। नाम इसका ‘कोरोना’ लगे सब इससे डरने॥ ना दवा काम आए, ना दुआ काम आए। बने अपने सभी पराए, रिश्ते-नाते हमने खोए॥ ये कैसा कोरोना, आया सबको रोना। घर बैठना है साहस, वरना है स्वर्गवास॥ सदा हाथ है धोना, घर से बाहर न जाना। … Read more

वर्तमान समस्या को बढ़ाईए मत

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ भय,आतंक,महामारी का दूसरा नाम आज ‘कोरोना’ विषाणु है। पूरे विश्व पर इस महामारी ने कब्जा कर लिया है। अगर हम सोच कर देखें तो इसका कारण भी खुद मनुष्य ही है। प्रकृति का नियम है कि जो बीज बोएंगे,वहीं फल पाएँगे। मनुष्य ने जो पाप या कुकर्म प्रकृति के साथ किया … Read more

जीवन दर्पण माँ

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का रूप, रूप बेटी का छोड़कर आती माँ। बाँहों को फैलाकर बुलाती माँ, साया बन जाती है तेज धूप में… याद बहुत तेरी आती है माँ। ममता की मूरत हैं माँ, त्याग की सूरत है माँ। है तू प्यारी-सी लोरी की थाप, परमात्मा का अक्स है … Read more

बसंत आया

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काले बादल, झूम-झूम बरसे- धरती परl वर्षा की मस्ती, ले कागज की कश्ती- चल घूमें रेl रंग-बिरंगे, छाते जो काले नीले- लागे सुंदरl ओस की बूँदें, छाये पंखुड़ियों पे- मानो मोती होl बसंत आया, महकाई बगिया- खिले कुसुमl छह ऋतुएँ, जीना सिखाए हमें- विविध रँगl परिचय-प्रभावति श.शाखापुरे की जन्म तारीख २१ जनवरी … Read more

आओ,मिलकर `पृथ्वी दिवस` को सार्थक बनाएं

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सुन मनुज धरा की पुकार, नित सहती है वेदना हजार। आज सुनाऊँ व्यथा निराली, छीनी मुझसे मेरी हरियालीll आज वर्तमान समय में धरा की यह पुकार न जाने कितनों को सुनाई दे रही है। धरा,मनुष्य को रोज पुकार कर कहती है,-“हे मनुज,तू खुद अपना भविष्य खतरे … Read more

स्मृति

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काली अंधियारी रात में मेरा साया हँसा मुझ पर, हे मन बावरे काहे खोजे तू उसे जो तेरे साथ नहींl माना कि तेरे पास नहीं है, क्योंकि,वह तो बसी तेरी स्मृति में। मूँद ले अपनी पलकों को, पायेगा उसकी छवि देखेंगी निहार कर, अश्क बहेंगे प्रियतम के, भीगेगा तेरा मन क्योंकि,वह … Read more

साँवला कान्हा

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ बैरी साँवलिया ना छोड़े। फागुन बहार आज॥ मधुर तान सुन मुरली की,रे! लागे मोहे लाज॥ श्याम साँवला,राधा गोरी। जैसे चाँद-चकोर॥ संग कन्हैया,नाचे राधा। होकर प्रेम विभोर॥ प्रेम पियूष पिला कर कान्हा। जता प्रेम की रीत॥ मोर मुकुट गिरिवरधारी ने। सिखा दी प्रेम प्रीत॥ परिचय-प्रभावति श.शाखापुरे की जन्म तारीख २१ जनवरी एवं जन्म … Read more

महिलाओं को अधिकारों का ठीक से दायित्व निभाना होगा

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… ८ मार्च २०१९ को दुनिया भर में १०६ वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। वैसे तो महिला दिवस का इतिहास बड़ा ही विस्तृत है। सबसे पहले १९०९ में संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह दिवस मनाया था। यह दिवस मनाने का उद्देश्य यह था कि महिलाओं को … Read more