हिंदी मेरी शान

प्रभावती श.शाखापुरेदांडेली(कर्नाटक)************************************************ हिंदी दिवस विशेष….. कहानी इसकी पुरानी,हिंदी मेरे देश की रानी।संस्कृत की लाड़ली बेटी हिंदी,सभी बहनों को साथ लेती हिंदी॥ लिपि इसकी है अति सुंदर,साहित्य का असीम सागर।कोयल की…

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बंध और दूरी-हमारा कर्तव्य

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. समाज,सामाजिक इन शब्दों से हम़ अंजान तो नहीं हैं। सामाजिक विषयों पर अगर कोई कुछ लिखना चाहे तो पूरी ज़िंदगी कम…

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घर बैठना है साहस

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ आयी कैसी महामारी, चारों ओर छायी बीमारी। नाम इसका 'कोरोना' लगे सब इससे डरने॥ ना दवा काम आए, ना दुआ काम आए। बने अपने सभी पराए,…

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वर्तमान समस्या को बढ़ाईए मत

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ भय,आतंक,महामारी का दूसरा नाम आज 'कोरोना' विषाणु है। पूरे विश्व पर इस महामारी ने कब्जा कर लिया है। अगर हम सोच कर देखें तो इसका कारण…

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भारतीय सैनिकों का बलिदान रहेगा हमेशा प्रेरणादायी

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. विश्व में शायद ही ऐसा देश होगा जहाँ युद्ध न हुआ होl इन युद्धों में न जाने कितने लोगों ने अपने…

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जीवन दर्पण माँ

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का रूप, रूप बेटी का छोड़कर आती माँ। बाँहों को फैलाकर बुलाती माँ, साया बन जाती है तेज धूप में... याद…

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बसंत आया

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काले बादल, झूम-झूम बरसे- धरती परl वर्षा की मस्ती, ले कागज की कश्ती- चल घूमें रेl रंग-बिरंगे, छाते जो काले नीले- लागे सुंदरl ओस की बूँदें,…

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आओ,मिलकर `पृथ्वी दिवस` को सार्थक बनाएं

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सुन मनुज धरा की पुकार, नित सहती है वेदना हजार। आज सुनाऊँ व्यथा निराली, छीनी मुझसे मेरी हरियालीll आज वर्तमान समय…

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स्मृति

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काली अंधियारी रात में मेरा साया हँसा मुझ पर, हे मन बावरे काहे खोजे तू उसे जो तेरे साथ नहींl माना कि तेरे पास नहीं है,…

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साँवला कान्हा

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ बैरी साँवलिया ना छोड़े। फागुन बहार आज॥ मधुर तान सुन मुरली की,रे! लागे मोहे लाज॥ श्याम साँवला,राधा गोरी। जैसे चाँद-चकोर॥ संग कन्हैया,नाचे राधा। होकर प्रेम विभोर॥…

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