इश्क़ अंज़ाम
पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** (रचनाशिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) याद आएं अगर एक पैगाम दो, नाम लेकर मेरा इश्क़ अंजाम दो। प्यार में जब कभी तुम तड़पने लगो, हिचकियों को सदा तुम मेरा नाम दो। छोड़ दो क्या जमाना कहेगा यहाँ, दिल सुकूँ जो मिले वही जाम दो। हम तुम्हें चाहते इस कदर हैं … Read more