समझ नहीं आता… सोच को क्या हो गया!

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** एक तरफ हम कहते हैं कि लड़कियों को पढ़ाओ,और पढ़ाना भी चाहिए क्योंकि एक लड़की को पढ़ाने का मतलब है,पूरे परिवार को पढ़ाना, मगर जो हालात बने हुए हैं,वो देखते हुए हर माँ-बाप बुरी तरह से डर के साए में जीता है। जब तक बिटिया घर न आ जाए,दिल अनगिनत आशंकाओं से … Read more

गौरव का परचम,जग में फहराना होगा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** चहुँओर से सीमा पर आतंकी गतिविधियाँ जारी हैं,शत्रु से लोहा लेने की अपनी पूरी तैयारी है।एक निवेदन है बहनों-माताओं से-कवियों से,थोड़े दिन के लिए दूर हों,श्रृंगारी रतियों से। आज जरूरत आन पड़ी है ‘राष्ट्र’ का नवनिर्माण करो,मानव हो… मानव होने का फर्ज निभा, कुछ काम करो।चीनी माल का बहिष्कार कर देश में … Read more

लाख लगे हों ताले

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** लाख लगे हों ताले,यादें आ ही जाती हैं,बंद झरोखों से भी यादें अंदर आती हैं। अंदर आती हैं,ये यादें बड़ा रुलाती हैं,किन्तु एक उम्मीद की किरण साथ में लाती हैं। जहाँ सूर्य भी झाँक न पाए,वहाँ पहुँच जातीं,कभी हँसाकर कभी रुलाकर,हिम्मत दे जातीं। कानों में फुसफुसाकर आशा से झोली भर जातीं,समस्याओं से … Read more

देवी जी खुश हैं

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… बड़ी मजेदार बात हुई। पत्नी नाराज थी। रोज ही सब्जी पर या अन्य किसी ना किसी बात पर चक-चक होती थी। महाराज जी खुद अपने सिंहासन पर विराजमान रहते थे और छोटी-छोटी कमी ढूँढ कर मीन-मेख निकालते थे। पत्नी अपनी मर्जी से मनचाही सब्जी भी नहीं बना सकती। क्या … Read more

प्रतीक्षा

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** आज देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर से उतर गई है,कोरोना के कहर से यह,सम्पूर्ण विश्व में पसर गई है। किन्तु इसी महामारी ने दुनिया को इक संदेश दिया है,भारत की संस्कृति का लोहा,सारे जग ने मान लिया है। उच्च हमारे जीवन मूल्य,उच्च हमारी परिपाटी थी,धरा-गगन-जल-वायु-वृक्ष को,देव मान…पूजन करती थी। हमें लौटना होगा … Read more

मेरा जुनून

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** बैंक के मुख्य द्वार पर सूचनापट्ट लगा हुआ था,जिस पर लिखा था-‘यहाँ हिंदी में लिखे हुए चैक भी स्वीकार किए जाते हैं।’देखकर दिल बुरी तरह आहत हुआ। आँखें लाल हो गईं। दिल में अंगारे सुलगने लगे। थोड़ी देर बैठ कर स्वयं को संयत किया फिर हिंदी अधिकारी के पास गई।‘महोदय क्या मैं … Read more

होली का हुड़दंग

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… मेरे पति होली खेलने के बेहद शौकीन हैं। जब जवान थे तो बड़े सवेरे-सवेरे शोर मचना शुरू हो जाता था ‘पानी का टब भर लिया ? बाल्टियाँ भर लीं ? टेसू के फूल उबाल लिए ? गुब्बारे भर लिए ?’होली वाले दिन नहीं,बल्कि चार दिन पहले … Read more

मेरा अरमान-ये भारत का मान बढ़ाए

राधा गोयलनई दिल्ली ****************************************** मेरा ये अरमान,विश्व में हिन्दी का परचम फहराए,अन्तर्राष्ट्रीय भाषा बनकर,ये भारत का मान बढ़ाए।सब भाषाएँ सम्मानित हैं,लेकिन इतना ध्यान रहे,अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति,इक गर्व भरा अभिमान रहे॥ अंग्रेजों ने संस्कृत सीखी,वेद ग्रन्थ पढ़ लिए हमारे,आविष्कार हमारे थे जो,अपने नाम किए वो सारे।हिन्दी सीखी संस्कृत सीखी,और वेदों का ज्ञान लिया,आविष्कार हमारे थे … Read more