वक्त कुछ कहना चाहता है

डोमन निषाद बेमेतरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************ हर वक्त, जो कुछ न कुछ सिखाना चाहता है, कभी रूला कर कभी हँसा कर, जो सत्य है उसे दिखाना चाहता है, वक्त कुछ कहना चाहता है। गरीबी हो या अमीरी, जो भी,सभी को समझाना चाहता है, कभी गिरा कर कभी उठा कर, जो सत्य है उसे जताना चाहता है, वक्त … Read more

हार सिखाती है,लड़ने का जज्बा बढ़ाती है

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** ‘हार’ एक ऐसा शब्द,जिसे कोई पसन्द नहीं करता है जिसका सीधा सम्बंध निराशा से है,पर हार का विश्लेषण करें तो पाते हैं कि हार हमारी उन कमियों को उजागर करती है जिससे हम अछूते रहते हैं। हार सही मायने में अनुभव का सागर है,स्वयं के बारे में सोचने … Read more

बाल साहित्य लेखन एवं चुनौतियाँ

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** बालक किसी भी देश,समाज,संस्कृति का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति की पूंजी होता है। बच्चों में हमारा भविष्य दिखाई देता है। वे कल की उम्मीद बंधाते हैं। बालक ईश्वर की बनाई वह अनुपम कृति है,जिससे कायम है जीवन धारा,संस्कृति और शाश्वत मूल्य। बालक जितने सुकोमल होते हैं,उतने ही जिज्ञासु … Read more

आओ,राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में भूमिका निभाएं

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाना महत्वपूर्ण नहीं है,बल्कि राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में अपना योगदान देना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय एकता इस बात पर निर्भर करती है कि हमारी सोच और समझ देश के प्रति सकारात्मक हो। हम अपनी देश के प्रति भूमिका जवाबदारी और जिम्मेदारी से निभाएं। … Read more

इच्छा शक्ति से हर कार्य सम्भव

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** दुनिया में सबसे अधिक कोई बलवान है तो वो है इच्छाशक्ति,दुनिया की हर चीज इसके माध्यम से तुम्हें मिल सकती है। चाह होगी तो राह अपने-आप मिल जाएगी। वो हर चीज तुम्हें प्राप्त होती है जो तुम्हारे लिए जुनून बन जाती है। स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि … Read more

रिश्ता

कृष्ण कुमार सैनी ‘राज’ दौसा(जयपुर ) *************************************************** पूज्य पिता जी की बाँहों में, जीने का किरदार छिपा हैll ममतामई माँ के ‘रिश्ते’ में, अमर प्रेम संसार छिपा हैll बहिना के राखी धागों में, पूजा पुण्य प्रणाम छिपा हैll नमन वंदना करके देखो, सच में चारों धाम छिपा हैll पिता-पुत्र के ‘रिश्ते’ में, साहस त्याग निदान … Read more

परिवार का महत्व समझिए

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वर्तमान समय में परिवारों की जो स्थिति हो गयी है,वह अवश्य चिन्तनीय है। घरों में आज सुनाने को सब तैयार हैं मगर कोई सुनने को राजी नहीं। रिश्तों की मजबूती के लिये हमें सुनाने की ही नहीं, अपितु सुनने की आदत भी डालनी पड़ेगी। माना कि आप सही … Read more

जीवन में सफलता का मन्त्र है सकारात्मक सोच

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि “हमने तो पूरी कोशिश कि,पर काम नहीं हुआ”,दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं। सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता…जानते हैं क्यों ? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं,सोचते हैं … Read more

मानसून मत कर अत्याचार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मानसून अब आ गिरो,मत कर अत्याचार। धरती देखो है फटी,कृपा करो इस बारll व्याकुल होते लोग हैं,जीव जन्तु बेहाल। गर्मी इतनी तेज है,धीमी सबकी चालll इन्द्रदेव नाराज क्यों,आओ बरसो आज। करते हैं आराधना,विनय सुनो महाराजll देख गरीब किसान हैं,करें प्रतीक्षा लोग। मानसून अब तो सुनो,हो जाये संजोगll नदी … Read more