दिल्ली दंगा:हर वर्ग को आगे आना होगा मुकाबले के लिए

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** फाल्गुन मास है,अमराइयां फूट रही हैं तो नन्हीं कोपलें सिर उठाती हुईं कुदरत के शीत निद्रा से जागने का संदेश दे रही हैं। महीना है रंग,उमंग व चंग-मृदंग का परन्तु इन दिनों दिल्ली में जो हुआ,उससे फाग खून में रंगा दिखने लगा। चार दर्जन के आसपास लोग मौत के घाट उतार … Read more

‘आप’ की जीत तुष्टिकरण का पुन: गर्भाधान

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** दिल्ली में `आम आदमी पार्टी` ने विधानसभा चुनाव में शानदार तरीके से जीत प्राप्त की है। चुनाव परिणामों के विश्लेषणों में कोई इसे कोई विकास,तो कोई कुशल रणनीति की सफलता बता रहा है,परन्तु विजयोल्लास में लोकतन्त्र के सम्मुख फिर से खड़े हुए तुष्टिकरण की राजनीति के उस खतरे की या तो … Read more

गिद्दे-भंगड़े पर तालिबानी मानसिकता

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** ‘मेहन्दी.. मेहन्दी.. मेहन्दी.. नच्चां मैं अम्बाले मेरी धमक जलन्धर पैन्दी`, पंचनद क्षेत्र के लोकनृत्य गिद्दे-भंगड़े की लोकप्रियता वर्तमान में इस कदर आसमान छू रही है कि,इनके बिना आज पंजाब तो क्या भारतभर में शायद ही शादी-विवाह सम्पन्न होते होंगे,लेकिन गिद्दे-भंगड़े की जन्मभूमि में ही इसपर तालिबानी त्यौरियां चढ़ी दिख रही हैं,जिसकी … Read more

गणतन्त्र में गुणतन्त्र का समावेश हो

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** देश में आधुनिक गणतन्त्र व्यवस्था के स्थापना की आज जयन्ती है। इसी दिन सन् १९५० को भारत द्वारा अधिनियम-१९३५ को हटाकर अपना संविधान लागू किया गया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए सन्विधान को २६ नवम्बर १९४९ को संविधान सभा द्वारा अपनाया … Read more

कै. अमरेन्द्र: राजधर्म पर हावी राजनीति धर्म

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** राजधर्म पर अगर स्वार्थपरक राजनीति का धर्म हावी हो जाए तो,वही होता है जो पंजाब विधानसभा में हुआ। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने विधानसभा में ‘नागरिकता संशोधन विधेयक’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है और इसे संविधान के खिलाफ बता कर इसे वापिस लेने की मांग … Read more

अधिनियम बनाम गढ़े गए विवाद

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** मुद्दा ‘नागरिक संशोधन कानून’………… दुनिया में हर विवाद का हल व समस्या का समाधान है,परन्तु गढ़े गए विवादों का जब तक निपटान होता है,तब तक बहुत अनर्थ हो चुका होता है और सिवाए पछतावे के कुछ हाथ नहीं लगता। नागरिकता सन्शोधन अधिनियम पर पैदा हुए विवाद को भी इसी श्रेणी में … Read more

माता सदैव भार्या नास्ति

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना…………….. माता सदैव-भार्या नास्ति अर्थात हे देवी! तुम माँ हो सकती हो किन्तु पत्नी कभी नहीं। स्वर्गलोक में अपने धर्मपिता इन्द्र के पास ब्रह्मास्त्र की विद्या लेने गए अर्जुन पर मोहित उर्वशी को माता सम्बोधित करने पर क्रोधित अप्सरा ने उसे क्लीवता का श्राप दिया,परन्तु धन्य था कौन्तय जिसने … Read more

महाराष्ट्र:साम्प्रदायिक बनाम धर्मनिरपेक्ष मुद्दे का तर्पण

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस ने बहुमत साबित होते न देख अपने पद से त्यागपत्र दे दिया और राज्य में शिवसेना,कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस गठजोड़ अस्तित्व में आ चुका है। राज्य में सरकार के गठन को लेकर किसने कैसे-कैसे हथकण्डे अपनाए, इस पर काफी बोला जा चुका है,परन्तु मराठा भूमि पर देश … Read more

सदभाव,परस्पर प्रेम,शांति की नींव पर हो मंदिर निर्माण

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण का विराट रूप देख जैसे अर्जुन की आँखें चुंधिया गईं,जिव्हा निशब्द और हाथ-पांव शिथिल पड़ गए। लगभग वही स्थिति अयोध्या में श्रीराम मंदिर पर आया फैसला सुन मेरी हो रही है। मानो शब्दकोष सूख गया,मस्तिष्क और शरीर में कोई तालमेल नहीं बचा। सुन्न स्मृति में केवल शेष … Read more

साँस तू अब संभलना छोड़ दे

गोविन्द राकेश दलसिंहसराय (बिहार) *************************************************************** साँस तू अब संभलना छोड़ दे, दिल मेरा तू भी घड़कना छोड़ दे। बाग़ में अब फूल खिलते ही नहीं, फिर तो ऐ तितली मचलना छोड़ दे। रोशनी दिखती नहीं अब चार सू, घर से अब बाहर निकलना छोड़ दे। क्या पता वो सच ही बोले अब यहाँ, झूठ के … Read more