बनकर जीयो राष्ट्र का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मन पावन सत्काम से,मनभावन हितकाम। त्याग न्याय सत्पारखी,हरि राम सुखधाम॥ रिश्ते-नाते स्वार्थ के,भौतिक मायाजाल। परहित मुख मुस्कान दो,अलबेला है काल॥ बनकर जीओ राष्ट्र का,सहभागी निर्माण। मातु-पिता सेवन करो,कर निर्बल कल्याण॥ सदाचार यायावरित,बनो रथी सच धीर। मातृभूमि सम्मान नित,कर सपूत बन वीर॥ शान्ति प्रीति पैगाम दो,पर जम़ीर हो चोट। … Read more

स्वच्छ भारत

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भारत अपना स्वच्छ हो,करो सभी सहयोग। महके गुलशन देश यह,जन-गण रहे निरोग॥ बापू का सपना यही,पूरा करना आज। मिलकर कदम बढ़ा चलो,बने स्वच्छ यह राज॥ साफ-सफाई हाथ में,आओ लियो उठाय। सुन्दर भारत वर्ष अब,स्वर्ग यहाँ बन जाय॥ करो प्रतिज्ञा साथियों,मिलकर करना काम। भारत अपना स्वच्छ हो,ऐसा दो पैगाम॥ … Read more

आजाद वतन

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गाँधी जयंती विशेष………… कोटि-कोटि जन्मभूमि से, यह भारत देश न्यारा है। देश सदा स्वतन्त्र रहेगा, अब यह प्रण हमारा है॥ प्यारे-प्यारे फूल खिले हैं, हिन्दू मुस्लिम गले मिले हैं। एक धागे में गुँथे हुए, रंग-बिरंगे फूल मिले हैं॥ अनेक रंगों से सजे हुए, महामानव समुद्र हमारा है। देश … Read more

समरसता जीतो जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मोदी आगे बढ़ गये,दुनिया का मन जीत। प्रगति चाह जन राष्ट्र का,समरसता नव प्रीतll राष्ट्र प्रथम इस भाव से,जब रंजित हो चित्त। देशप्रेम अनुरक्त मन,जीवन बने निमित्तll स्वच्छ रहे वातावरण,हो निरोग शरीर। निर्मल परहित चिन्तना,त्याग धीर अरु वीरll ध्येय निष्ठ सच प्रगति नित,यायावर मन राह। अमन चैन हर्षित … Read more

माता

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** हूँ हूँ….हो हो…. माई मेरी माई,आज हो जा तू सहाई, मैं दुनिया से गया मारा….आ…आ…. छोड़ तुझे कहाँ जाऊँ मैं, आ बन जा अब तू सहारा…आ…आ… माई मेरी माई,आज हो जा तू सहाई….l माई मेरी माई,आज हो जा तू सहाई….ll हूँ हूँ….हो हो…. दर तेरा छोड़ के मैं,कहाँ … Read more

रामराज्य समरस वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** कौशलेय प्रिय जानकी,रघुनन्दन सुखधाम। करें लोक कल्याण नित,शरणागत श्रीराम॥ कमलनयन मन दाशरथि,सीतायन आलोक। जगत रोग छल पाप प्रभु,करो मुक्त हर शोक॥ सकल विश्व संताप को,भय दारुण आतंक। हरो नाथ रघुवर प्रभो,प्रमुदित जग बिन रंक॥ नैतिकता अनुलेप से,मानवता अभिषेक। प्रगति प्रीति सच पथ प्रभो,राष्ट्र रहे नित एक॥ रामराज्य समरस … Read more

रोजगार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** रोजगार मिलता कहाँ,मारामारी आज। जनसंख्या विकराल है,अब क्या करे समाजll काम मिले कुछ और को,आधे हैं बेकार। गुंडागर्दी शौक है,करते अत्याचार ll शिक्षित अनपढ़ साथ में,मिलकर करते काज। सभी समस्या मूल से,हल हो जाती आज ll हर समाज को चाहिए,मिलकर कदम उठाय। अपना पैतृक कार्य को,करते चित्त लगाय … Read more

अंतरिक्ष है शान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सबसे आगे दौड़ में,हो नित धावक श्रान्त। शुरु मन्द धावन पथी,नित विजयी बन कान्तll हार-जीत संघर्ष नित,यात्रा जीवन राह। डटे रहे जो विघ्न पथ,अंत सफल हो चाहll चाह सतत नर आलसी,सोच विरत युवजोश। सीख बिना यायावरित,मद में हो बेहोशll रनिवासर इसरो जहाँ,तत्पर अनुसंधान। कहो न नवसिखुआ उसे,पहुँचा मंगलयानll … Read more

मानक है हिन्दी वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. निज वाणी मधुरा प्रिया,हिन्दी नित सम्मान। भारत की जन अस्मिता,बने एकता शान॥ यथार्थ नित सुन्दर सुलभ,सूत्रधार जन देश। संस्कृत तनया जोड़ती,हिन्द वतन संदेश॥ कण्ठहार जनभाष बन,विविध रीति बन प्रीत। आन बान शाने वतन,हिन्दी है उदगीत॥ श्रवण कथन सम लेखनी,काव्यशास्त्र प्रणीत। मानक है हिन्दी वतन,लोकतंत्र … Read more

हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है। मैंने तन-मन वार दिया,मेरी जां कुर्बान है॥ वंदे मातरम् वंदे मातरम्,धरती का ये राग है, भारत वासी बेटा है,सबकी यही जुबान है। हिन्द देश के हैं हम… अंग्रेजी पढ़ लेना तुम,अंग्रेज नहीं बन जाना, देशद्रोह … Read more