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हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष………………..


हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है।
मैंने तन-मन वार दिया,मेरी जां कुर्बान है॥

वंदे मातरम् वंदे मातरम्,धरती का ये राग है,
भारत वासी बेटा है,सबकी यही जुबान है।
हिन्द देश के हैं हम…

अंग्रेजी पढ़ लेना तुम,अंग्रेज नहीं बन जाना,
देशद्रोह मत करना रे,हिन्द हमारी शान है।
हिन्द देश के हैं हम…

राष्ट्र हित और प्रेम की,अच्छी बनो मिसाल,
आ दिखा दो जग को,हिंदी हिंदुस्तान है।
हिन्द देश के हैं हम…

भारत बहु भाषा-भाषी,फिर भी हम एक हैं,
जाति-पाँति भिन्न है,भाषा हिंद महान है।
हिन्द देश के हैं हम…॥

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