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आजाद वतन

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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गाँधी जयंती विशेष…………
कोटि-कोटि जन्मभूमि से,
यह भारत देश न्यारा है।
देश सदा स्वतन्त्र रहेगा,
अब यह प्रण हमारा है॥

प्यारे-प्यारे फूल खिले हैं,
हिन्दू मुस्लिम गले मिले हैं।
एक धागे में गुँथे हुए,
रंग-बिरंगे फूल मिले हैं॥
अनेक रंगों से सजे हुए,
महामानव समुद्र हमारा है।
देश सदा स्वतन्त्र रहेगा,
अब यह प्रण हमारा है॥

अतीत में अंग्रेजों के यह,
देश पराधीन है माना।
वो वक्त वो शक्ति अब है,
ठाना है इसको बचाना॥
सजग रहेगा यह मन मेरा,
स्वयं ही अब सहारा है।
देश सदा स्वतन्त्र रहेगा,
अब यह प्रण हमारा है॥

हमें जो दी आजादी,
बापू महात्मा गांधी।
परतंत्रता की बेड़ी तोड़कर,
जो एकता में बाँधी॥
सोने की चिड़िया कहते थे,
अब विश्व गगन का तारा है।
देश सदा स्वतन्त्र रहेगा,
अब यह प्रण हमारा है॥

मनाएं आज आजाद वतन,
की खुशियों का त्यौहार।
होगा नभ,जल,थल में,
इसकी प्यार भरी जै कार॥
सारे जहां से भी अच्छा,
हिंदुस्तान हमारा है।
देश सदा स्वतन्त्र रहेगा,
अब यह प्रण हमारा है॥

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