रौशनी बिखेरते चलें हम
डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* दिलों को,दिल से जोड़ कर, रौशन किया,सपनों का महल। अपनों का,साथ भी मिला, सजाया जैसे,अपना हो शीशमहल। ना जानें क्यों,लोगों की, खुशी के लिए,जलाता नहीं दिया कोई,दिल का। घर-सामान की सफाई, करते हैं,पर्व में सभी तन-मन की गंदगी,देखता नहीं कोई, के प्यार से दिया,जले दिल का। हम उपहार … Read more