तब ही माँ के दर्द को जाना

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जब मैं ख़ुद माँ बनी,तब ही माँ के दर्द को जानासही मायने में मैंने जब,माँ के मर्म को था पहचाना। जान की बाज़ी लगाकर,जो शिशु को जन्म है देतीधन्य है वो सब माँएं,जो सृष्टि को क्रम है देती। माँ बिन घर,घर नहीं होता है,माँ बिन दर,दर नहीं होता हैमाँ वंदनवार चौखट की,माँ बिन … Read more

माहौल

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ दुनिया को डरा रही है मौत की परछाइयाँ,सब ही समझ रहे हैं इसकी गहराइयाँ। कैसा राक्षस है ये क़फ़न बेचने वाला,अब भी उसे तो चाहिये मीठी मिठाईयां। लाशों पर अपनी रोटियाँ सेंकने वालों,आएगी कभी तो तुम्हारी भी बारियाँ। क्यों हवा में भयानक ज़लज़ला आया है,प्राणवायु के लिये मजबूर भरते सिसकारियाँ। जो दवाई मुफ़्त … Read more

आजकल

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ उंगलियों से रिश्ते पनप रहे हैं,आँखों में सपने चमक रहे हैं।क्या से क्या हो जाता है यहाँ,बातें करने मन कसक रहे हैं। मीठा लहज़ा कड़वा हुआ है,अपशब्दों से भरा हुआ है।जाने कौन सच्चा झूठा हुआ है,फ़ेसबुक से धोखा हुआ है। चेहरा झूठा परिचय झूठा,दिल में सब टूटा ही टूटा।प्रोफ़ाइल पिक भी नकली है,अब … Read more

शबरी ही समझाए भक्ति

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ मतंग मुनि की शिष्या शबरी कहलाए,त्रेता युग की भक्ति शबरी ही समझाए।आँगन बुहारे फ़ूल बिछाए,राम-राम नित रोज़ जपे,लगन भक्ति में हो तो भगवान भी चलकर आए॥ बचपन बीता आई जवानी बुढ़ापा भी अकुलाए,पर शबरी भक्ति में नित-नित बढ़-बढ़ जाए।एक दिन आएंगे राम ज़रूर मेरे द्वारे,भगवान भक्तों में न ऊंच-नीच दिखाए॥ झूठे बेर ख़िलाती … Read more

हर प्यास की आस हो तुम

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सच्चे प्यार की परिभाषा हो तुम,निराश जीवन की आशा हो तुम।ज़िन्दगी का जीवन हो तुम,बहार का उपवन हो तुम। शीतल नदी का जल हो तुम,जो न भूलूँ वो पल हो तुम।तुम्हें पाया कुछ और पाने की चाह नहीं,तुम्हारे प्यार की कोई थाह नहीं। नसीब वालों का नसीब हो तुम,जो न कभी दूर हो,वो … Read more

नज़र

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ रचना शिल्प:मात्रा भार १८,१९,२१,१९ नज़रों का इशारा जो मिल गया,दिल मेरा बहारों-सा खिल गया।रौशन शमा रही रात रात भर-वो क़यामत थी,रूह से हिल गया॥ क़यामत नज़र जवाब क़रारा था,उनका इकलौता ही सहारा था।हम जीते भला किसके साथ सनम-वो मेरा शबे ग़म का सुकून था॥ ऐसी नज़र से देखा लुट गये हम,इश्क़ की राहों … Read more

क़रार ढूँढती हूँ

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सेहरा में चमन ए बहार ढूँढती हूँ।तन्हा रहकर मैं भी क़रार ढूंढती हूँ। ये शाम ये मदहोश समाँ ये हवाएँ,खो गया कहाँ मेरा यार ढूँढती हूँ। मेरी मन्नत मेरी जन्नत मेरा सुकूँ हो,हो तुम कहाँ तुम्हें मैं प्यार ढूँढती हूँ। थक चुकी हूँ ज़माने से लड़ते-लड़ते,मैं अकेली मेरा तलबगार ढूँढती हूँ। शाम के … Read more

मेरे कान्हा

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सागर में बसाई द्वारका,बने द्वारकाधीश कान्हाजरासंध का वध किया,हजार सोलह ब्याही कान्हा। धर्म की रक्षा ख़ातिर,दूत बन हस्तिनापुर आएयुद्ध टालने के लिए,दुर्योधन समझाए कान्हा। धर्म पाण्डव के साथ रहा,बने सारथी अर्जुन के तुममार-मार सभी कौरवों को,धरती का भार उतारे कान्हा। विजय श्री पाण्डवों को दिला,द्रोपदी को शान्त कराएराजसूर्य यज्ञ करवाकर,युधिष्ठिर सम्राट बनाए कान्हा। … Read more

बेगाने

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जो तस्वीर में नज़दीक नज़र आते हैं।असल में वही दूर जा घर बसाते हैं। मिलते हैं जो घण्टे दो घण्टे के लिये,फ़िर जाने के लिये ग़ैरों-सा असर लाते हैं। जिसको पैदा किया पाला-पोसा बड़ा किया,वही एक दिन क्यों बेगाने कर जाते हैं। कहते हैं जो भी किया तुम्हारा फ़र्ज़ था,हम क्या ख़ुद से … Read more

हँसी में उदासी

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सोंचा ज़िन्दगी रौशन हुई है हमारी,पता न था वो गुनाहों से घुली-मिली है। क़िस्मत थी कभी मेरी हमसफ़र,वो परिंदे-सी आज़ाद मनचली है। नसीबा इस क़दर रूठ जायेगा मेरा,आँख बंद दिखता नहीं अधखुली है। कब क्या हो जाये किसको ख़बर है,नसीब में गर्मी सबा सिली-सिली है। समंदर का पानी खारा किसने किया होगा,जबकि उसमें … Read more