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आजकल

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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उंगलियों से रिश्ते पनप रहे हैं,
आँखों में सपने चमक रहे हैं।
क्या से क्या हो जाता है यहाँ,
बातें करने मन कसक रहे हैं।

मीठा लहज़ा कड़वा हुआ है,
अपशब्दों से भरा हुआ है।
जाने कौन सच्चा झूठा हुआ है,
फ़ेसबुक से धोखा हुआ है।

चेहरा झूठा परिचय झूठा,
दिल में सब टूटा ही टूटा।
प्रोफ़ाइल पिक भी नकली है,
अब तो नसीब फूटा ही फूटा।

बीवी का गुलाम बना हुआ है,
अकाउंट में रुपया भरा हुआ है।
माँ से रुपया छीन-छीन कर,
पत्नी का दिल ख़ुश किया हुआ है।

साल भर भी टिक न पाई,
पत्नी की नियत ललचाई।
तलाक़ दिया तीसरे पति को,
भूतपूर्व ले चलती पाई।

रहो सावधान और सतर्क,
करो न किसी से तर्क-वितर्क।
आजकल की लड़कियाँ,
ज़िन्दगी कर देती है नर्क।

सोंच-समझ कर शादी करो,
जांच-परख कर शादी करो।
शादी भी व्यापार बन चुका है,
दलालों से तुम दूर ही रहो॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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