जिंदगी और पुण्य

सहज सभरवालजम्मू( कश्मीर) ******************************************************** ज़िंदगी तो मौत का एकमात्र खाना है,मजबूरी में,आज नहीं तो कल सबको निगल जाना है।इंसान का काम तो मेहनत कर,जीवन सजाना है,तब भी थमना नहीं साथियों,किसी…

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