ओ मेघ अब तो बरस जा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** सूखी धरा तरसे हरियाली, जाती आबिया लाएगी संदेशा माटी की गंध का होगा कब अहसास हमें गर्म पत्थरों के दिल कब होंगे ठंडे, घनघोर घटाओं को देख नाचते मोर के पग भी अब थक चुके, मेंढक को हो रहा टर्राने का भ्रम ओ मेघ अब तो बरस जा…। छतरियां,बरसाती भूली … Read more

जैसा करो,वैसा पाओ

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जिंदगी में तमन्नाएं बहुत है, पर इरादे अटल नहीं, यदि होते इरादे अटल तो, क्यों भटकता यहां-वहां। इसलिए कहता जैन मद, खुद जियो औरों को भी जीने दो। यही भावनाएं जीवनभर भाते रहो, और खुद जिंदगी को सार्थक करोll मिला है मानव जन्म तो, इसे समझो ? क्योंकि ये मिला पिछले … Read more

सितमगर भी वहीं रहता है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** क्यूँ मेरे दिल में एक दर्द-सा रहता है, लगे ऐसे कुछ तो चुभा-सा रहता हैl नश्तर वालों से सुधरे ताल्लुकात मेरे, ये तो किसी अपने का काम लगता है। नफरत भरके दिल में मुस्कराते हैं वो, सलाम का उनका ये अंदाज रहता हैl खेलते हैं जो आवाम की हसरतों से, … Read more

उसी से पूछना होगा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** आसमां देखना चाहे खुद अपनी ऊंचाईयां अक्स समुद्र की गहराईयों में देखना होगा, आफताब में एहसास नहीं दिल की आग का… दहकते अंगारों को हाथों में लेना ही होगा। बहते किन आँसूओं में दिल का दर्द छिपा है खून के कतरे को आँखों में खोजना होगा, पीठ में खंजर घोंप … Read more

जीवन का लेखा-जोखा

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो, उसकी आग में अपने भी जल रहे हैं। कब तक तुम दूसरों को रुलाओगे, एक दिन इस आग में खुद भी जल जाओगे। कभी अपने किए पर बहुत पछताओगे, पर उस समय कुछ नहीं कर पाओगेl कहते हैं उसके घर में देर … Read more

सम्हाल खुद को मोहब्बत में

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यह दुनिया बनी है जो दुश्मन मेरी, तुम्हीं वह वजह हो,तभी तो हुई है… मेरी मुस्कराहट पर नाराज क्यों हो, मेरी आँखों में भी देखो,भरी हुई है। तोड़ लाऊंगा मैं भी चाँद और सितारे, यह मोहब्बत तो अभी शुरू ही हुई है… सावन-सी भी बरसेगी मोहब्बत मेरी, अभी तो यह … Read more

कितना-कुछ बदल गया हिंदुस्तान में…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ कितना-कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में, इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार। जहां देखो,वही पाओगे विज्ञापन और दामों की सूची, जिस पर दर्शाया गया है हर चीज का दाम। क्या मंदिर-क्या मस्जिद और क्या गुरुद्वारा, कोई भी नहीं बच पाया इस व्यापार से। छोटे-बड़े उत्सव या हो मरण मौत … Read more

जीवन चक्र

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ भावनाओं से ही भाव बनते हैं, भावों से ही भावनाएं चलती हैं। जीवन चक्र यूँ ही चलता रहेगा, बस दिल में आस्था रखो तुम सब॥ कहते हैं-जीवन बहुत अनमोल है, हर पल-हर घड़ी जीना जरूरी है। मूल सिध्दांत ये कहता है- खुद जीयो औरों को भी तुम जीने दो॥ स्नेह प्यार … Read more

बन रही मेरी माफी है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मुँह फिरा लेती हो मुझे देखकर ना जाने कितनी नफरत बाकी है, पर मेरी साँसों का फैसला करने तेरी यही एक अदा ही काफी है। तेरा दिल भी धड़केगा मेरे लिए अभी तो फरमाइश कहां की है, आज हटाया है खिड़की से पर्दा और गली में तू चुपके से झांकी … Read more

जीवन है अनमोल

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जीवन है अनमोल तो, क्या लगाओगे तुम मोल। बिकता है सब-कुछ, पर मिलता नहीं जीवन। इसलिए ‘संजय’ कहता है, क्यों व्यर्थ गवां रहे हो, यह मानव जीवन। मिला है बहुत प्यार, अपनों से हमें यार। फिर क्यों किसी का, हम दिल दुखाए यहां। हँसी-खुशी के संग, जीवन को जीएं हम। हिल-मिलकर … Read more