हमारा हिंदुस्तान

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** है प्यार बहुत देश,हमारा हिन्दुतानहै संस्कृति इसकीसबसे निराली है।कितनी जाति-धर्म के,लोग रहते यहाँ परसबको स्वत्रंता पूरी है,संविधान के अनुसार।कितना प्यारा देश है,हमारा हिंदुस्तानइसकी रक्षा करनी है,आगे तुम सबको।कितने बलिदानों के,बाद मिली है आज़ादीकितने वीर जवानों को,हमने खो दिया।गांधी,सुभाष और भगत सिंह,चढ़े इसकी बलिचंद्रशेखर और मंगल पांडे,हो गए शहीद।तब जाके हमको ये,मिली है … Read more

सफर कठिन है

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** पग-पग पर काँटे बिछे,चलना हमें पड़ेगाकठिन इस दौर में,हमको संभलना पड़ेगा।दूर रहकर भी अपनों से,उनके करीब पहुंचना पड़ेगाऔर जीवन के लक्ष्य को,हमें हासिल करना पड़ेगाll जो चलते हैं काँटों पर,मंजिल उन्हें मिलती हैऔर दु:ख के दिन बिताकर,सुख में प्रवेश करते हैं।और अपनी सफलता को,मेहनत-लगन का नाम देते हैंऔर जिंदगी की सच्चाई,खुद बयाँ … Read more

रिश्तों में कुठाराघात

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ आजकल के जमाने की है गम्भीर बात,परस्पर रिश्तों में बहुत ही कुठाराघातलगते हैं जैसे बुने हैं,कच्चे धागों से ये,इनमें खुशियों से ज्यादा भरा अवसाद। ना भविष्य की खबर,ना पता अतीत का,बना हुआ है आँकड़ा इनमें छत्तीस काएक ही छत के नीचे,रहते हैं यह दोनों,पर दूर तक नहीं वास्ता नजदीक का। प्रेम … Read more

हिंदी ही आधार है

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** हिंदी दिवस विशेष….. जब सीखा था बोलना,और बोला था माँ।जो लिखा जाता है,हिंदी में ही सदा।गुरु ईश्वर की प्रार्थना,और भक्ति के गीत।सबके सब गाए जाते,हिंदी में ही सदा।इसलिए तो हिंदी,बन गई राष्ट्रभाषा।प्रेम प्रीत के छंद,और खुशी के गीत।गाए जाते हिंदी में,प्रेमिका के लिए।रस बरसाते युगल गीत,सभी को बहुत भाते।और ताजा कर देते,उन … Read more

दिल से होता है प्रेम

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मोहब्बत सूरत सेनहीं होती है,मोहब्बत तोदिल से होती है।सूरत खुद प्यारीलगने लगती है,कद्र जिनकीदिल में होती है॥ मुझे आदत नहींकहीं रुकने की,लेकिन जबसेतुम मुझे मिले हो।दिल कहीं औरठहरता नहीं है,दिल धड़कता हैबस आपके लिए॥ कितनों ने मुझसेनज़रें मिलाई,पर किसी सेनज़रें मिली नहीं।दिल की गहराईमें तुम थी,इसलिए दिल नेऔरों को चाहा नहीं॥ बड़ा … Read more

बुढ़ापा बनाम बेबसी

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** न जीता हूँ न मरता हूँ,न ही कोई काम का हूँबोझ बन कर उनके,घर में पड़ा रहता हूँ।हर आते-जाते पर,नजर थोड़ी रखता हूँपर कह नहीं सकता,कुछ भी घरवालों को।अपनी बेबसी पर,खुद ही हँसता रहता हूँबहुत जुल्म ढाया है हमने,लगता उनकी नजरों में।सब-कुछ अपना लुटाकर,बनाया उच्चाधिकारी हमनेतभी तो भाग रही दुनिया,उनके आगे-पीछे।हम हो … Read more

आपका साथ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** फूलों की सुगंध से,सुगन्धित हो जीवन तुम्हारातारों की तरह चमके,जीवन तुम्हारा।उम्र हो सूरज जैसी,जिसे याद रखे जगत साराआप महफ़िल सजाएं ऐसी,कि,हम सब आएं दुबारा॥ आपके जीवन में हजारों बार,मौके आए इस तरह केकि,लोग कहते-कहते न थकें,कि,मुबारक हो मुबारक हो।जिंदगी जीने का,ये तरीका तुम्हाराजिसमें खुशी होती है,गम नहीं। तभी तो जीते हो तुम,जिन्दादिली … Read more

लक्ष्य से पीछे नहीं हटूंगा

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मिला मुझको बहुत कुछअपनी मेहनत लगन से।मेरे अनुभवों को कोई न,क्या कभी छोड़ पाएगा।तपा हूँ आग की भट्टी में तो,कुछ बनकर ही निकला हूँ।और फिर से जिंदगी मेंकुछ नया निश्चित करूंगा॥ भले ही जमाने ने हमें,ठोकर मार दी हो।पर अपने लक्ष्य से मेंकभी पीछे नहीं हटूंगा।और अपने कदमों को,मंजिल तक पहुंचाऊंगा।और अपनी … Read more

रक्षाबंधन का पावन पर्व

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. हमारी संस्कृति में त्यौहारों की परम्परा यहाँ हैउसी में रक्षाबंधन का पावन पर्व भी तो यहाँ है,भाई-बहिन के पवित्र प्रेम और रिश्तों की बानगीऐसा दोनों के बीच और कोई,उत्सव कहाँ है। बहिनें बांधती हैं प्यार के धागे भाई की कलाई पेभाई देता बहिन को,फिर हिफाज़त की जुंबा है,दोनों … Read more

यूँ लगे कोई आया

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** तुम आओ न आओ,यूँ लगे कोई आयातुम कब हो अलग मुझसे,बने तुम्हीं साया,सपने देखे खुली आँखों से,की थी कुछ बातेंजब बातें की खुद से,तेरा जिक्र ही आया। कहते हैं गीतों की दुनिया में,बसे प्यार वालेसुर तेरे,ग़ज़ल भी तू,वही फिर मैं गाया,इश्क वो चीज है रूसवा कर दे अपने-आपसेरह जाती एक यही,इश्क … Read more