कभी सोचा न था…

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हर रिश्ते से बँधी थी पर कोई भी रिश्ता मेरा न था, रिश्तों में फासले तो थे पर वे इतने खौफनाक भी हो सकते हैं, कभी…

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आसमानी

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* चखना चाहती हूँ, नीले आसमाँ को। क्या वो भी होता होगा! सागर की तरह खारा। लहरें कभी मचलती होंगी वहाँ भी, चाँद के तट पर बैठकर,…

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तू ही सृष्टि

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… तू ही धरा,तू सर्वथा, तू बेटी है,तू ही आस्था। तू नारी है,मन की व्यथा, तू परम्परा,तू ही प्रथा। तुझसे ही तेरे…

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