श्रमसीकर ही नींव
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** श्रमसीकर नित पूज्य हों,पायें अति सम्मान।श्रम से ही धनधान्य है,श्रम से ही उत्थान॥ श्रम से ही ऊँचे भवन,श्रम से ही है कोष।श्रमजीवी भूखा अगर,बोलो किसका दोष॥ श्रम से सारे खेत हैं,श्रम से ही उद्योग।श्रम से ही आता सदा,उच्च अर्थ का योग॥ श्रम से ही हैंं पटरियाँ,सड़कें,नहरें,यान।रेलें,कारें और ट्रक,राष्ट्रप्रगति का मान॥ … Read more