अनुराग का तराना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मिला कोय तो जीवन बदला,नेह-मेघ घिर आये हैं, फूलों में खुशबू फिर लौटी,नव संदेशे आये हैं। मन गाता है परभाती अब, भजन-आरती भाते हैं संध्या वंदन से नाता अब, पंछी ख़ूब सुहाते हैंl दिल है उपवन,महके हर पल,आकर्षण घिर आये हैं, फूलों में खुशबू फिर लौटी,नव संदेशे आये हैंll … Read more

शंका

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** शंका का वातावरण,फैल रहा संदेह। मन भी अपना ना रहा,ना ही अपनी देहll हर इक बेग़ाना लगे,टूट रही है आस। नहीं शेष अब है रहा,किंचित भी विश्वासll सभी ओर तो है कपट,हँसता है नित झूठ। पेड़ सभी मुरझा गये,खड़ा हुआ बस ठूंठll अंधकार का दौर है,रोता है आलोक। हर्ष … Read more

गांधीवाद-जो सिखाता है जीने की कला

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** शहीद दिवस(३० जनवरी) विशेष…………….. `गांधीवाद` महात्मा गांधी के आदर्शों,विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है,जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है,जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया था। `सत्य` … Read more

खरी बात

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “वह देखो शर्मा जी कितने खुश रहते हैं।” “कितने संतुष्ट रहते हैं।” ” आनंद से कितने लबालब रहते हैं।” “पति-पत्नी में आपस में कितना अधिक प्रेम है।” “उनके बच्चे भी उनकी कितनी अधिक बात मानते हैं।” “बिलकुल सही है।” “हम दोनों उनसे कितने ऊंचे ओहदों पर हैं,हमारे पास पैसा … Read more

चाय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** चाहत लेकर चाय की,जगता हूँ मैं भोर। मिल पाये यदि चाय ना,मैं कर देता शोर॥ जीवन की संजीवनी,चाय लगे वरदान। चाय मिले तो ज़िन्दगी,लगती है आसान॥ चाय बिना कुछ भी नहीं,चाय बिना सुनसान। चाय मिले तो ठंड में,बच पाती है जान॥ चाय बिना आनंद ना,चाय बिना ना चैन। गर्म … Read more

नया साल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “राकेश,तुम सुबह-सुबह कहां जा रहे हो ?” “अंकल जी,नमस्कार। हैप्पी न्यू इयर। अरे अंकल जी,आज नये साल का पहला दिन है,इसलिए मैं अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामजीलाल के पैर छूकर उन्हें बधाई देने व उनसे आशीर्वाद लेने जा रहा हूँ।” “ओह,बहुत ख़ूब,पर इसी शहर में तुम्हारे मम्मी-पापा भी … Read more

सूरज आया इक नया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सूरज आया इक नया,गाने मंगल गीतl प्रियवर अब दिल में सजे,केवल नूतन जीतll उसकी ही बस हार है,जो माना है हारl साहस वाले का सदा,विजय करे श्रंगारll बीते के सँग छोड़ दो,मायूसी-अवसादl नवल बनेगा अब धवल,देगा मधुरिम यादll खट्टी-मीठी लोरियां,देकर गया अतीतl वह भी था अपना कभी,था प्यारा-सा मीतll … Read more

अपराधबोध

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… तब मैं कक्षा दस का विद्यार्थी था। बोर्ड की परीक्षा थी,इसलिए बड़े दिन की छुट्टियां होने के उपरांत भी रोज़ाना सुबह दस से दो बजे तक एक्सट्रा क्लासेज लग रही थीं। घर से,मैं ठीक पौने दस बजे स्कूल को निकल जाता था । … Read more

हरदम ही मुस्काते नानू

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सब पर नेह लुटाते नानू, सबसे प्यार जताते नानू। कोई छोटा,बड़ा नहीं है, सबको ही अपनाते नानू। भाव भरा बर्ताव मिले तो, तत्क्षण ही हरियाते नानू। पीड़ा,ग़म,मायूसी पीकर, हरदम ही मुस्काते नानू। मिले विवश,लाचार,दुखी यदि, करुणा ख़ूब दिखाते नानू। संस्कार,अनुशासन का जल, जी-भर ख़ूब बहाते नानू। अपना कोई ठेस … Read more

बहाने की बात ही और है जनाब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मेरे दौर में एक गाना गूंजता था,जो प्राण साहब पर फिल्माया गया था-“कस्मे- वादे प्यार-वफ़ा सब वादे हैं,वादों का क्या ?”। इसी तरह से एक और गाना इसके बाद फ़िजां में गूंजा था-“पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए।” तो ये गाने सुनकर मैंने पक्की धारणा बना ली थी … Read more